Ranchi- रांची दौरे पर राजधानी पहुंचे भाजपा प्रवक्ता जफर इस्लाम ने राज्य की डीजीपी अजय कुमार सिंह को बदले जाने की आशंका प्रकट की है. उन्होंने दावा किया है कि चीफ सेक्रेटरी सुखदेव सिंह को हटाने के पीछे प्रशासनिक कारण नहीं, बल्कि सियासी वजह है. हेमंत सोरेन पर जिस तरीके से ईडी की जांच हर दिन एक नया मोड़ ले रही है. अब तक छह-छह समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलावा भेजा गया है, बावजूद इसके ईडी के सवालों का जवाब देने के बजाय सीएम हेमंत भागते फिर रहे हैं, लेकिन यह उन्हे भी पता है कि यह भागदौड़ ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है, एक दिन थक-हार कर ईडी की शरण में जाना ही होगा, और उसके बाद गिरफ्तारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. हेमंत सोरेन इस गिरफ्तारी के वक्त अपने चुनिंदा और वफादार अधिकारियों की तैनाती चाहते हैं, ताकि उनकी गिरफ्तारी में अड़ंगा लगाया जा सके

चुनिंदा और विश्वासपात्र अधिकारियों की तैनाती कर गिरफ्तारी में रोड़ा लगाने की कवायद

यहां याद रहे कि सुखदेव सिंह के सेवानिवृति में महज तीन माह का समय बाकी है, इस बीच उन्हे चीफ सेक्रेटरी के पद से स्थांतरित कर श्रीकृष्ण लोकसेवा संस्थान में महानिदेशक की जिम्मेवारी सौंपी गयी है और उनके बदले एल ख्यांगते को मुख्य सचिव की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. सुखदेव सिंह की गिनती बड़े ही कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अधिकारी के रुप में होती है. यही कारण है कि सरकार की ओर से उन्हे श्रीकृष्ण लोकसेवा संस्थान में महानिदेशक जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी गयी है.

तबादले पर सियासत

लेकिन जफर इस्लाम इस तबादले को भी सियासी शक्ल देने की कोशिश में हैं. उनका आरोप है कि गिरफ्तारी से पहले हेमंत सरकार अपने विश्वासपात्र अधिकारियों को चुंनिदा पदों पर बैठाना चाहती है, ताकि ये अधिकारियों के द्वारा उनकी गिरफ्तारी में अड़ंगा लगाया जाय, या हेमंत की गिरफ्तारी के बाद इन अधिकारियों के बूते किसी कठपुतली को सामने रख कर सरकार का संचालन किया जाय.

आप इसे भी पढ़ सकते हैं

हेमंत सरकार का जाना, हकीकत या फ़साना! 2024 के महासंग्राम के पहले भाजपा का असमंजस

लिस्टिंग का पता नहीं, डिलिस्टिंग पर बवाल! हिन्दूकरण पर चुप्पी और क्रिश्चियनिटी पर कोहराम, जनजातीय सुरक्षा मंच पर उठने लगे सवाल

चाईबासा का कांटा: गीता कोड़ा का कमल थामने की चर्चा तेज, JMM भी ठोक रहा दावा, जानिये दंगल में उतरने को आतुर सियासी चेहरे

डोल रही हेमंत की हिम्मत! आदिवासी-मूलवासियों की सरकार से लेकर गाजर-मूली की चर्चा, क्या है इसके सियासी निहितार्थ

2024 का आगाज! रथ ले निकल पड़े हेमंत, इधर सोशल मीडिया पर बाबूलाल का ट्वीटर वार, कैसे होगा भाजपा का बेड़ा पार

अविनाश की विदाई के साथ ही राजेश ठाकुर पर भी मंडराया खतरा! 2024 के महासंग्राम के पहले आदिवासी-मूलवासी चेहरे पर कांग्रेस लगा सकती है दांव