Patna-जदयू के द्वारा 23 जनवरी के बाद सभी विधायकों को पटना के आसपास मौजूद रहने के कथित निर्देश के बाद अब जीतन राम मांझी ने अपने सारे विधायकों को 25 तक पटना में जमे रहने का फरमान सुनाया है. सोशल मीडिया पर इसका एलान करते हुए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने लिखा है कि राज्य के सियासी हालात पर हमारी नजर बनी हुई है, बदले हालात में हमें किसी भी फैसले के लिए तैयार रहना पड़ेगा. बिहार के हित जो भी बेहतर फैसला होगा, हम उस पर विचार करेंगे. यहां ध्यान रहे कि फिलहाल जीतन राम मांझी की पार्टी हम के पास चार विधायक है, इस चार की संख्या से बिहार की सियासत में कोई बड़ा बदलाव तो नहीं हो सकता, लेकिन सीएम की कुर्सी संभालने के बाद मुसहर समुदाय के बीच जीतन राम की लोकप्रियता में बड़ा इजाफा हुआ है, और यह दावा किया जाता है कि बिहार के करीबन तीन फीसदी मुसहर जाति के मतदाता उनके साथ खड़ा हो सकते हैं.

आखिर जीतन राम मांझी ने क्यों जारी किया यह आदेश

लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि आखिर जीतन राम मांझी अपने विधायकों को पटना में जमे रहने का फरमान क्यों सुनाया? क्या जीतन राम मांझी का एनडीए से अलगाव होने वाला है, या फिर सीएम नीतीश के पाला बदल की खबरों से जीतन राम मांझी और एनडीए के दूसरे घटक दलों के बीच एक प्रकार की सियासी बेचैनी पसर रही है, उन्हे इस बात का भय सताने लगा है कि यदि सीएम नीतीश एक बार फिर से भाजपा के साथ खड़े हो जाते हैं, तो उनका सियासी कैरियर दांव पर लग जायेगा, और तत्काल जो एनडीए के अंदर उनकी जो पुछ है, वह खत्म हो जायेगी. क्योंकि खबर यह भी है कि सीएम नीतीश की पलटी मारने के खबरों के बीच दिल्ली में जीतन राम मांझी और चिराग पासवान के बीच एक लम्बी बैठक हुई है, दावा किया जाता है कि दोनों ही बिहार की इस बदलती सियासत पर नजर जमाये हुए हैं, हालांकि इस बीच खबर यह भी है कि खुद जीतनराम मांझी भी सीट बंटवारे को लेकर भाजपा के रवैये से खुश नहीं है. जीतनराम मांझी हो या चिराग पासवान दोनों को ही उनकी चाहत के अनुरुप भाजपा सीट देते ही नहीं दिख रही है, खबर तो यह भी है कि भाजपा ने  जीतन राम मांझी को साफ कर दिया है कि उन्हे लोकसभा की एक सीट भी नहीं दी जायेगी, हां, इसके बदले उनके बेटे संतोष सुमन को राज्य सभा भेजा जा सकता है, इन परिस्थतियों के बीच अब जीतन राम मांझी ने अपने विधायकों को पटना में जमे रहने का आदेश दिया है, तो निश्चित रुप से यह किसी सियासी बदलाव का संकेत हो सकता है.

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