Ranchi- एक तरफ जहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल के द्वारा सीएम हेमंत की गुमशुदगी के दावे पर तंज भरे अंदाज में झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य इस बात का दावा कर रहे हैं कि नगर में बालक और शहर में ढिंढोरा, दूसरी ओर बाबूलाल ने मैदान छोड़ने को तैयार नहीं है, पिछले ट्वीट के बाद एक बार फिर से मोर्चा संभालते हुए उन्होंने इस बार फिर से अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा है कि “ईडी के डर के मारे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले अठारह घंटे से दिल्ली वाले मुख्यमंत्री आवास से फ़रार हो कर भूमिगत हो गये हैं. मीडिया सूत्रों के मुताबिक़ देर रात हेमंत जी हवाई चप्पल पहने हुए चादर से मुँह ढँककर चोर की तरह आवास से पैदल निकल कर भागे हैं. उनके साथ दिल्ली गया स्पेशल ब्रांच का सुरक्षाकर्मी अजय सिंह भी ग़ायब है. इन दोनों का मोबाईल भी बंद तब से उन्हें ईडी और दिल्ली पुलिस ढ़ूंढ़ रही है.मुख्यमंत्री की सुरक्षा के साथ इतनी बड़ी लापरवाही का कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता. इससे चिंताजनक और लज्जाजनक क्या हो सकता है कि संवैधानिक पद पर बैठा एक राज्य का मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल तोड़कर चोर-डकैत की तरह फ़रार हो जाय राज्य को भगवान भरोसे छोड़ दे। मुख्यमंत्री की फरारी में राज्य का नेतृत्वकर्ता कौन? यह संवैधानिक सवाल अहम है। महामहिम  राज्यपाल इसका संज्ञान लें और राज्य में विधि सम्मत क़ानून का राज क़ायम रखने के लिये समुचित कदम उठायें।“

सरयू राय की नसीहत

दूसरी ओर से पूर्व मंत्री सरयू राय ने लिखा है कि हेमंत सोरेन खुलकर ईडी का सामना करें, पूछताछ के दौरान गिरफ़्तारी ज़रूरी नहीं, पर हो जाए तो भी भयभीत होना विकल्प नहीं है.राजनीतिक रणनीति बनाएं और आचरण विधि सम्मत करें. छुप कर रहने  से राज्य के रूप में झारखंड की और मुख्यमंत्री के रूप में संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है. यहां बता दें कि आज ही इसके पहले एक सोशल मीडिया ट्वीट में यह दावा किया था कि “ईडी अधिकारियों के डर से मुख्यमंत्री  @HemantSorenJMM जी के लापता होने की सूचना न्यूज चैनलों के माध्यम से प्राप्त हो रही है। अगर इस खबर में सत्यता है तो, यह झारखंड के लिए संवैधानिक संकट की स्थिति है। महामहिम @CPRGuv जी से निवेदन है कि वो मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री को तलब कर जांच एजेंसी से भागने का कारण पूछें। झारखंड की साख और प्रतिष्ठा दांव पर है। अपनी इन हरकतों से हेमंत ने हमारे आदिवासी समाज की प्रतिष्ठा और गौरव को मिट्टी में मिलाने का काम किया है। @jharkhandpolice के डीजीपी ये जबाव दें कि, मुख्यमंत्री हेमंत सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़कर रात को कैसे बाहर निकल कर भाग सकता है? सीएम की सुरक्षा में लगे कर्मियों को बर्खास्त करें और तत्काल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को सुरक्षित रूप से हाजिर करें। आखिर एक राज्य का मुख्यमंत्री भगोड़ा कहलाने का पाप कैसे कर सकता है? शर्मनाक! जिसके जवाब में झामुमो महासचिव ने तंज भरे अल्फाज में कहा था कि नगर में बालक और शहर में ढिंढोरा, बाबलाल को सीएम हेमंत के चाय पीने की इतनी ही बेचैनी है तो तत्काल अप्वाइंटमेंट लेटर के लिए आवदेन कर दें, उन्हे साथ साथ चाय पीने  की मुराद पूरी कर दी जायेगी.

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