Ranchi-राज्य में जारी सियासी हलचल और राजभवन की ओर से चंपई सोरेन को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रण में देरी से महागठबंधन के अंदर पनपती बेचैनी के बीच एक बड़ी खबर यह है कि राजभवन की ओर से चंपई सोरेन को अपने साथ पांच विधायकों के साथ 5.30 बजे राजभवन आने को कहा गया है. राजभवन की ओर से इस लेटर के बाद महागठबंधन के विधायकों को कुछ राहत मिल सकती है, और उन्हे चंपई सोरेन के नेतृत्व में नयी सरकार का गठन होने का रास्ता साफ होता दिख सकता है. यहां बता दें कि -विधायक दल का नेता निर्वाचित होने और उसके बाद राजभवन में विधायकों का परेड करवाने के बावजूद शपथ ग्रहण करवाने का कोई संकेत या संदेश नहीं मिलने से चंपई सोरेन के साथ ही महागठबंधन के अंदर भी बेचैनी पसरती जा रही थी. चंपई सोरेन के साथ ही विधायकों को इस बात डर सताने लगा था कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद भाजपा पूरी ताकत के साथ ऑपेरशन कमल में लग चुकी है, और बहुत संभव है कि उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश भी की जाय. इस संशय और आशंकों के बीच पूर्ववर्ती सीएम हेमंत सोरेन की राह चलते हुए चंपई सोरेन ने अपने सभी विधायकों को झारखंड से दूर हैदराबाद ले जाने का मन बना लिया है, खबर है कि सीएम आवास में एक साथ कई बस पहुंच चुके हैं, दावा किया जाता है कि इन बसों में सवार कर सभी विधायकों को एयरपोर्ट पहुंचाया जायेगा, जहां दो विशेष विमान विधायकों का इंतजार कर रहा है. दावा किया जाता है कि जैसे ही सभी विधायक एयरपोर्ट पहुंचगे,यह विशेष विमान सीधे हैदराबाद के लिए उड़ान भर देगी
निशिकांत के ट्वीट से विधायकों में फूट डालने की बढ़ी आशंका
यहां हम बता दें कि महागठबंधन के अंदर यह बेचैनी निशिकांत के लगातार सोशल मीडिया ट्वीट से भी पसर रही है कि जिसमें लगातार इस बात का दावा किय जा रहा है कि महागठबंधन के अंदर चंपई सोरेन को लेकर एकजुटता नहीं है, बड़ी संख्या में विधायक बसंत सोरेन को सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं, हालांकि करीबन सारे विधायक इस समय सीएम आवास में मौजूद हैं, और उनके द्वारा अपने हस्ताक्षर के साथ चंपई सोरेन को अपना नेता चुन लिया गया है. इस हालत में निशिकांत के उस दावे में कुछ ज्यादा दम नजर नहीं आता, जहां तब उनका यह दावा है कि सभी विधायकों से उनका मोबाइल कब्जे में ले लिया गया है, तो बड़ा सवाल तो यही है कि निशिकांत को यह खबर कैसे लगी कि विधायकों का मोबाइल कब्जे में ले लिया गया है, क्या भाजपा की ओर से विधायकों से सम्पर्क करने की कोशिश की जा रही है, और उनका मोबाइल बंद बता रहा हैं. आखिर इस दावे का आधार क्या है, यह झामुमो का एक रणनीति भी हो सकती है, क्योंकि आज के दिन यह बात हर कोई जान समझ रहा है कि इन विधायकों को तोड़ने की कोशिश किस दल की ओर से की जा सकती है, और की जा रही है.
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