Patna-बिहार में पालाबदल की खबरों के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है, नीतीश कुमार को शारीरिक रुप से विकलांग बताते हुए सम्राट चौधरी ने कहा है कि जो व्यक्ति अपनी बीमारी की वजह से एक-एक माह तक जनता के बीच जा नहीं सकता, उस व्यक्ति का एक मिनट भी सत्ता में बने रहना बिहार और बिहार के भविष्य के लिए बेहद खतरनाक है. अब समय आ गया है कि वह कुर्सी का मोह त्याग कर आराम करें, बिहार के लिए उनके पास कुछ भी करने को शेष नहीं रहा गया है. भाजपा में एक और वापसी की तमाम खबरों पर विराम लगाते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि अब बिहार की सियासत में उनकी सियासी विश्वसनीयता शून्य है. ना तो उनकी कोई विचारधारा है, और ना ही उनके पास अंतरआत्मा जैसी कोई चीज बची है, वह कपड़े की तरह हर दिन विचाराधारा बदलते हैं, हमारे केन्द्रीय नेतृत्व ने पहले ही साफ कर दिया है कि सीएम नीतीश के लिए हमारे दरवाजे-खिड़कियां सभी बंद है, इस हालत में उनकी वापसी का सवाल कहां खड़ा होता है.
राजद जदयू और भाजपा तीनों की अलग खिचड़ी
ध्यान रहे कि कल की कैबिनेट मीटिंग के बाद बिहार की सियासी गलियारों में नीतीश कुमार को लेकर पलटी मारने की चर्चा बेहद तेज हैं, और दावा किया जा रहा है कि सीएम नीतीश को भाजपा केन्द्रीय आलाकमान से वापसी की हरी झंडी मिल गयी है. और किसी भी वक्त उनकी भाजपा में वापसी हो सकती है, इस बीच जैसे ही कल सम्राट चौधरी और केसी त्यागी एक ही विमान से दिल्ली के लिए उड़ान भरा, अचानक से इन खबरों ने जोर पकड़ लिया कि आज की रात बिहार की सियासत पर भारी पड़ने वाली है, क्योंकि सम्राट चौधरी आज की रात केन्द्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सीएम नीतीश की वापसी का रास्ता साफ कर सकते हैं, लेकिन आज सम्राट चौधरी जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे से साफ है कि जदयू राजद के साथ ही भाजपा में ही कुछ अलग खिचड़ी पक रही है, अब यह खिचड़ी क्या है? इसके अलग-अलग व्याख्या की जा रही है.
रोहणी आचार्य के ट्वीट के बाद सियासत तेज
दरअसल कल की कैबिनेट मीटिंग के बाद एक प्रेस नोट जारी किया गया कि कैबिनेट की इस बैठक का कोई प्रेस नोट जारी नहीं किया जायेगा. और इसी को इस तरह से प्रसारित किया गया कि नीतीश तेजस्वी में सब कुछ ठीक नहीं है, ठीक इसी बीच कर्पूरी जयंती के अवसर पर परिवारवाद पर नीतीश के हमले को लालू के खिलाफ बड़ा हमला माना गया, और राजद प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर एक बड़ा भूचाल ला दिया, दरअसल रोहणी आचार्य ने बेहद ही तीखे अल्फाज में लिखा कि ‘समाजवादी पुरौंधा होने का करता वही दावा है, जो हवाओं की तरह बदलता अपनी विचारधारा है,” इसके साथ ही अपने दूसरे ट्वीट में रोहणी ने लिखा कि “अक्सर लोग नहीं देख पाते अपनी कमियां, लेकिन दूसरों पर कीचड़ उछालने की करते रहते हैं बदतमीजियां”, इस प्रकार लगातार तीन ट्वीट, तीनों एक से बढ़कर एक जहर बूझे तीर.
रोहणी के जहर बूझे तीर
और इस ट्वीट के बाद जो कहर मचना था, वह मचा, हालांकि एक ही घंटे के अंदर-अंदर ही लालू यादव ने इस ट्वीट को डिलीट करवा दिया, लेकिन बावजूद इसके कोहराम जारी रहा, और इसी बीच जैसे ही सम्राट चौधरी ने दिल्ली की राह पकड़ी यह माना गया कि आज ही बिहार की सत्ता में भूचाल आने वाला है, लेकिन मूल सवाल तो यह है कि कल की कैबिनेट के बाद जिस तरीके से एक प्रेस नोट जारी हुआ कि इस कैबिनेट की बैठक का कोई प्रेस नोट जारी नहीं होगा, बेहद आश्चर्य में डालने वाला है, और सारे रहस्य इसी में छूपा है, जब तक वह सच्चाई सामने नहीं आ जाती, बिहार की इस अबूझ पहेली से पर्दा नहीं उठेगा.
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