Ranchi-राजनीति में विरोधी खेमे की सरकारों को गिरने-गिराने की भविष्यवाणियां और उसकी मियाद बताने का प्रचलन नयी बात नहीं है. अमूमन हर सियासतदान के द्वारा इस प्रकार की भविष्यवाणियां, इस जोखिम के साथ की जाती है कि लोग बाग उनकी भविष्यवाणियों का आनन्द तो लेंगे ही, लेकिन उसकी बतायी मियाद आते-आते उस इसे भूला दिया जायेगा. इन भविष्यवाणियों का एक मकसद अपने कार्यकर्ताओं का सियासी हौसला बनाये रखना भी होता है, ताकि विपक्षी की भूमिका का निर्वाह करते-करते उनके उनकी उम्मीद का दीया नहीं बूझें, हौसले पस्त नहीं हो, इन भविष्यवाणियों के सहारे ही कम से कम उनके अंदर एक उम्मीद की एक किरण बनी रहे. लेकिन जब यही भविष्यवाणी सियासत में लम्बी पारी खेल चुके और फिलहाल राजनीति की मुख्यधारा से दूर खड़े किसी राजनेता के द्वारा दी जाय तो लोग बाग उसे एक हद तक सच मानने की भूल कर जाते हैं. और खास कर तब जब उसके सामने सरयू राय जैसा शालिन, शांत और धैर्यवान राजनेता खड़ा हो.

महज कुछ घंटों में 2023 की विदाई और 2024 का आगवन

आज 31 दिसम्बर की शाम, जब महज कुछ पलों में नववर्ष के जश्न की शुरुआत होने वाली है. लोगों की नजर दीवार पर टंगी घड़ी की सुई पर टीकी हुई है. जैसे ही उसका कांटा 12 के कांटे को पर टीक-टीक करती नजर आयेगी, नव वर्ष की औपचारिक शुरुआत हो जायेगी और हम एक ही लम्हे में वर्ष 2023 से 2024 की ओर लम्बी छलांग लगा जायेगें. अचानक से झारखंड की सियासत में भीष्म पितामह की भूमिका में आ खड़े हुए सरयू की राय की वह भविष्यवाणी सामने आ खड़ी हुई है. यानि इस सरकार की मियाद खत्म, उन्होंने अब तक के सियासी जीवन का सबसे बड़ा जोखिम लेते हुए इस बात का दावा किया था कि हेमंत सरकार की मियाद महज दिसम्बर तक ही सीमित है, बल्कि यों कहें कि हेमंत सोरेन की यह सरकार दिसम्बर के कड़कड़ती ठंड में अपना दम तोड़ देगी.

5 दिसम्बर को की गयी थी यह भविष्यवाणी

दरअसल हेमंत सरकार की यह मियाद सरयू राय के द्वारा 5 दिसम्बर तय किया गया था. उनका आरोप था कि यह सरकार तथ्यों को छूपा रही है. यह सत्य कि ईडी कई बार और अधिकांश मामलों में विपक्ष से जुड़े नेताओं को निशाना बनाती है, लेकिन सवाल यह है कि इस सरकार के अधिकारियों पर जो आरोप लगाये गये हैं, क्या वे गलत है?  क्या जो साक्ष्य और सबूत पेश किये जा रहे हैं, वह झूठ हैं, जो संकेत और सूचनाएं आ रही हैं, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार दिसंबर गिर जायेगी. क्योंकि इस सरकार में भ्रष्टाचार सर चढ़ कर बोल रहा है, और इस संबंध में हमने कई बार सीएम हेमंत के साथ पत्राचार भी किया, उन्हे इस बात से सचेत करने की कोशिश कि इन तमाम गड़बड़ियों को दुरुस्त किया जाय, लेकिन उसका परिणाम कुछ नहीं निकला.

इस तरह की भविष्यवाणी करने वाले सरयू राय एकलौता नहीं

सरयू राय का सरकार पर आरोप अपनी जगह, उनके दूसरे आरोप भी अपनी जगह, लेकिन यहां मुख्य सवाल उनकी भविष्यवाणी का है, उसका असत्य होने का है. हालांकि सरयू राय इस मामले में अकेले नहीं है, जिस  दिन इस सरकार ने अपनी शपथ ली थी, इस तरह की भविष्यवाणियां उस दिन से ही की जा रही है, लेकिन अपनी तमाम दुश्वारियां और सियासी उठा पटक के बावजूद इस सरकार ने चार वर्ष पूरे कर लिये, हालांकि अभी भी कुछ लोगों में उम्मीद किरण बाकी है, अभी भी इस सरकार की विदाई के पटकथा लिखे जा रहे हैं, हर दिन विदाई की अगली तिथि बतायी जा रही है, लेकिन हर मियाद को झुठलाती यह सरकार अपनी गति से आगे बढ़ती जा रही है, इस पसमंजर में सीएम हेमंत सोरेन का वह तंज याद आ रहा है कि हमारी सरकार कोई खेल की मूली गाजर थोड़े ही हैं, कि भाजपा उखाड़ ले जायेगी.

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