Ranchi-36 घंटों की अबूझ पहेली के बीच सीएम हेमंत महागठबंधन के नेताओं और विधायकों के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पूण्य तिथि के अवसर पर अपना श्रद्दा सुमन अर्पित कर सत्ता के गलियारों में चल रहे तमाम सियासी चर्चाओं पर पूर्ण विराम लगा दिया, लेकिन बावजूद इसके झारखंड की सियासत में जारी इस तपिश पर विराम लगता दिखलायी नहीं पड़ा रहा. कल तक सीएम हेमंत की गुमशुदगी के दावे के साथ मीडिया की सुर्खियां बटोर रहें भाजपा नेताओं के खिलाप अब कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह मोर्चा खोलती नजर आ रही है.
बीजेपी की ED,दिल्ली पुलिस आईबी मिलकर भी एक मुख्यमंत्री को ढूँढ नहीं पा रही है। ये पूरी तरह से @AmitShah की विफलता है। गृह मंत्री को तत्काल प्रभाव से इस्तीफ़ा देना चाहिए ताकि देश की एजेंसियों का इक़बाल क़ायम रहे। https://t.co/2njUeKcOW3
— Dipika Pandey Singh (@DipikaPS) January 30, 2024
देश की एजेंसियों का इकबाल कायम करने की मांग
अपने ट्वीटर अकाउंट पर भाजपा के आरोपों का पलटवार करते हुए दीपिका पांडेय लिखती है कि “बीजेपी की ED,दिल्ली पुलिस आईबी मिलकर भी एक मुख्यमंत्री को ढूँढ नहीं पा रही है। ये पूरी तरह से @AmitShah की विफलता है। गृह मंत्री को तत्काल प्रभाव से इस्तीफ़ा देना चाहिए ताकि देश की एजेंसियों का इक़बाल क़ायम रहे। साफ है कि जिस तरीके से सीएम हेमंत की गैरमौजूदगी को भाजपा सियासी मुद्दा बनाने की जुगत में थी, दीपिका अब भाजपा को उसके ही मोर्चे पर घेरने की कवायद करती नजर आ रही हैं, उनके ट्वीट का आशय बेहद साफ है कि, यदि सीएम हेमंत गायब है, यदि भाजपा को इस बात की चिंता सता रही है कि झारखंड का मुख्यमंत्री कहां है, किस हालात में है, तो यह दायित्व तो केन्द्रीय एजंसियों की है, वह उनकी खोज करें, लेकिन यहां तो भाजपा सीएम हेमंत की कथित गुमशुदगी पर सियासी मैच खेलने की साजिश कर रही है, जबकि हकीकत है कि किसी भी राज्य का सीएम कभी भी, किसी भी केन्द्रीय एजेंसियों की आंखों से ओझल नहीं हो सकता, और खास कर आईबी की नजर से, क्योंकि वह कोई आम नागरिक नहीं है, उसके साथ सुरक्षा अधिकारियों की एक पूरी टीम की मौजदूगी रहती है, वह तो हर वक्त गृह मंत्रालय की नजर में होता है.
Big Breaking-हाईवोल्टेज ड्रामा खत्म! सामने आये हेमंत, कुछ ही देर में जनता के बीच भी होंगे प्रकट
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