TNP DESK- जिस सियासी कुनबे की शुरुआत सीएम नीतीश की पहलकदमी से की गयी थी, इंडिया एलाइंस का वही कुनबा अब सीएम नीतीश की सियासी महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ता नजर आने लगा है, पीएम फेस को लेकर जारी खींचतान के बीच जदयू कोटे से मंत्री विजेन्द्र यादव ने कांग्रेस पर बेहद हमलावर रुख अपनाने हुए सात दिनों के अंदर अंदर पीएम फेस को लेकर इंडिया गठबंधन के महाउलझन को दूर करने की चेतावनी दी है. इसके साथ ही पिछले कुछ दिनों से जदयू नेताओं के द्वारा सीएम नीतीश को पीएम फेस बनाने की मांग एकबारगी तेज हो गई है, कभी यह मंत्री जमा खान की ओर से आती है, तो कभी दूसरे अशोक चौधरी मोर्चा खोलते नजर आते हैं, हालांकि इन तमाम बयानों के बीच जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने चुप्पी साध ली है, पटना के सियासी गलियारों में उनकी इस चुप्पी के भी राजनीतिक अर्थ टटोले जा रहे हैं.

नीतीश की ना में भी होता है हां

यहां ध्यान रहे कि इंडिया गठबंधन के अंदर काफी अर्से से सीएम नीतीश को संयोजक बनाने की मांग होती रही है, मुख्य रुप से राजद और जदयू नेताओं के  द्वारा इसकी मांग की जाती रही है, लेकिन इंडिया गठबंधन की दिल्ली बैठक में ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जून खड़गे का नाम उछाल कर सीएम नीतीश के अरमानों पर पानी फेर दिया था, हालांकि उस प्रस्ताव को उसी वक्त खड़गे के द्वारा यह कह कर टाल दिया गया कि अभी हमारी प्राथमिकता चुनाव में परचम लहराने की होनी चाहिए, यदि हम सरकार बनाने की हैसियत में आ खड़ें होगें, यह सवाल उसके बाद का है, लेकिन खड़गे की इस साफगोई से भी सीएम नीतीश को अपनी नैया डूबती नजर आने लगी, इस बात की शंका भी पनपने लगी कि यदि इंडिया गठबंधन को सरकार बनाने के लाइक संख्या बल आता भी है, तो उस  हालत में उनके नाम पर विचार किया ही जायेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है, और इसके बाद नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली, लेकिन इसके साथ ही जदयू राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में कांग्रेस पर जम कर भड़ास भी निकाला, जिसके बाद एक फिर से उन्हे मनाने की कोशिश की जाने लगी, लेकिन एक लम्बा अर्सा गुजर जाने के बावजूद अब तक उनके नाम पर सहमति नहीं बनी, इसी बीच में  एक बार इंडिया गठबंधन के तमाम घटक दलों का ऑनलाइन बैठक करने की भी चर्चा हुई, लेकिन वह भी टल गया, और इसके बाद लगातार सीएम नीतीश को प्रधानमंत्री फेस बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी.

खतरनाक संकेत दे रही सीएम नीतीश की चुप्पी

हालांकि इन तमाम बयानबाजियों पर सीएम नीतीश किसी भी प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आते हैं और इस बात का दावा भी करते हैं कि उनके मन में किसी कुर्सी की चाहत नहीं है, लेकिन उनकी भाव भंगिमा और उनके नेताओं के बयान इस ओर साफ इशारा कर रहे हैं कि सीएम नीतीश के मन में कोई खिचड़ी पक रही है, हालांकि यह खिचड़ी क्या है, इसके खुलासे के लिए हम मकर संक्रांति की खिचड़ी का इंतजार करना होगा, चर्चा है कि 22 जनवरी के बाद सीएम नीतीश एक और धमाका करेंगे, वह धमाका क्या होगा, और उसकी दिशा क्या होगी, यह सवाल अभी से मीडिया कर्मियों के लिए सुर्खियां प्रदान कर रहा है.

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