Patna-दिल्ली में जदयू का राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक को लेकर सियासी कयासबाजियों के बीच एक बार फिर से ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से अपने इस्तीफे की खबरों का खंडन किया है. मीडिया की साख पर सवाल खड़ा करते हुए ललन सिंह ने कहा जैसे ही भाजपा के द्वारा एजेंडा सेट करने का दवाब बनाया जाता है, पूरी मीडिया अनर्गल प्रलाप चालू कर देती है. बड़ी खबर यह है कि खुद नीतीश कुमार ने भी ललन सिंह के इस्तीफे की खबरों को खारिज कर दिया, लेकिन जैसे ही नीतीश कुमार से एनडीए में शामिल होने की खबर पर प्रतिक्रिया मांगी गयी, नीतीश कुमार इस सवाल को टाल गयें. जिसके बाद एक बार फिर से उनके पलटी मारने की चर्चा तेज हो गयी.

बंद कमरे में नीतीश ललन मुलाकात

यहां बता दें कि राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के पहले सीएम नीतीश और ललन सिंह के बीच करीबन एक घंटे तक बंद कमरे में बात हुई, और उसके  बाद दोनों एक साथ पार्टी मुख्यालय की ओर निकल पड़े.

ध्यान रहे कि आज पूरा बिहार और देश अपनी सांस रोक जदयू की इस कार्यकारणी पर नजर जमाये हुए है. मीडिया में एक से बढ़कर एक सुर्खियां बनायी जा रही है. दावा किया जा रहा है कि अंदरखाने सब कुछ तय हो चुका है, भाजपा आलाकमान ने बिहार के बड़बोले नेताओं को नीतीश पर किसी भी प्रकार का अमर्यादित टिप्पणी करने पर रोक लगा दी है, तो किसी का दावा है कि नीतीश की अंतिम जिद्द सुशील कुमार को मोदी बनाने की मांग को स्वीकार कर लिया गया है.  जैसे ही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक खत्म होती है, सब कुछ शीशे की तरह साफ हो जायेगा.

नीतीश की नाराजगी की खबरें मीडिया प्रायोजित?

तो किसी का दावा है कि 29 दिसम्बर को ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में अपने इस्तीफे का एलान करने वाले हैं, उधर ललन सिंह कह रहे हैं कि वह कौन है जो हमारे इस्तीफे की खबर चला रहा है. जब उन्हे यह याद दिलाया जाता है कि यह दावा तो सुशील कुमार मोदी का है तो बेहद तंज भरे लहजे में उनका जवाब आता है कि सुशील मोदी नीतीश कुमार के बेहद करीब है?  उन्हे तो हर बात की खबर रहती है, जिस व्यक्ति को भाजपा ही गंभीरता से नहीं लेती, उसे आप मीडिया कर्मी इतना भाव क्यों दे रहे हैं? जदयू में सब कुछ सामान्य है, और आज भी हम इंडिया गठबंधन के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं, नीतीश की नाराजगी की तमाम खबरें मीडिया प्रायोजित है.

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