रांची:  बिहार के बाद अब झारखंड की सत्ता हिचकोले खाते नजर आ रही है, दावा है कि सीएम हेमंत के दिल्ली स्थित आवास पर उनके साथ कथित जमीन घोटाले में पूछताछ की जा रही है, ईडी के अधिकारी उनके आवास पर पहुंच चुके हैं, और उनके द्वारा उक्त आवास में कुछ कागजातों की तालाश की जा रही है, हालांकि सीएम हेमंत उस कार्यालय में मौजूद है या नहीं, इसकी अभी कोई पुष्ट खबर निकल कर सामने नहीं आयी है. लेकिन जिस तरीके से सीएम हेमंत पिछले दो दिनों से दिल्ली में मौजूद है, और आज अचानक ईडी उनके आवास पर पहुंचती है, उसके बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. पहला सवाल तो यही है कि क्या इस पूछताछ के लिए सीएम हेमंत की ओर से सहमति प्रदान की गयी थी, या फिर ईडी उस अवसर की तलाश में थी कि वह झारखंड से बाहर निकलें और उनको अपने शिंकजे में लेकर पूछताछ के साथ ही आगे की संभावित कार्यवाईयों को अंजाम तक पहुंचाया जाय.

सियासी संकेत या फिर ईडी ने चल दी अपनी चाल

और यदि यह सहमति सीएम हेमंत की ओर से दी गयी थी तो क्या इसके पीछे कोई सियासी वजह भी है, क्या बिहार के बाद झारखंड की सत्ता में भी किसी बदलाव के संकेत मिल रहे हैं, क्या बदले हालात में सीएम हेमंत ने भाजपा के साथ एक समझौते की राह पर चल पड़े हैं, और दोनों में एक तादात्म्य स्थापित होने के बाद पूछताछ की इस औपचारिकता को निर्वाह दिया जा रहा है, क्या इसके बाद भाजपा की ओर से सीएम हेमंत को अपनी सत्ता की निरंतरता के लिए एक हरी झंडी मिलने वाली है, यानी झारखंड में दोनों के बीच एक प्रकार का नूराकुश्ती चलता रहेगा, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में मोहरों की सजावट कुछ इस प्रकार की होगी कि भाजपा कम से कम झारखंड की 12 सीटों पर अपना परचम लहराने में सफल हो जाय. या फिर राजधानी रांची में पूछताछ के दौरान जिस प्रकार सीएम हेमंत के समर्थकों हुजूम  उमड़ता है, और इस हुजूम से ईडी अधिकारियों के दिलो दिमाग में जो भय और तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है, जिसके कारण वह चाहकर भी इस पूछताछ को अपनी चाहत के अंजाम तक नहीं पहुंचा पाती, या उसमें बेबस नजर आती है, उसी का तोड़ उनके दिल्ली स्थित आवास में यह पूछताछ है, तो क्या इस पूछताछ के बाद उन्हे दिल्ली से ही गिरफ्तार भी किया जा सकता है, फिलहाल इस सवाल का जवाब हर झारखंडी के दिमाम में कौंध रहा है. यहां बता दें कि दो दिन पहले ही सीएम हेमंत बगैर किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के चार्टेड विमान से दिल्ली पहुंचे थें, इसके पहले ईडी की ओर से उन्हे 25 जनवरी को दसवां समन भेज कर 31 जनवरी से पहले पूछताछ के लिए समय और स्थान निर्धारित करने को कहा था. जिसके बाद सीएम हेमंत की ओर से अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए किसी भी तिथि के निर्धारण से इंकार किया गया था.

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