रांची(RANCHI)- ईडी के दूसरे समन पर भी सीएम हेमंत निर्धारित समय पर नहीं पहुंचे. हालांकि सीएम के आने की खबर को देखते हुए पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था, चप्पे-चप्पे पर सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस के जवानों की तैनाती की गयी थी, लेकिन खबर आ रही है कि सीएम हेमंत ने इस मामले में कोर्ट में जाने का निर्णय ले लिया है, विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है, और यह अब अपने अंतिम चरण में हैं, जल्दी ही कोर्ट में ईडी को चुनौती दी जा सकती है.
किसी सीएम के द्वारा ईडी की शक्तियों को चुनौती देने का यह पहला मामला नहीं
ध्यान रहे कि किसी सीएम के द्वारा ईडी के समन को चुनौती देने का यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी शराब घोटला मामले में ईडी को कोर्ट में चुनौती दी थी और समन के बावजूद पेश होने से इंकार कर दिया था.
माना जाता है कि सीएम हेमंत भी अब उसी रास्ते चलने वाले हैं, और इसका संकेत पहले समन के जवाब में भेजे गये उनके पत्र से ही हो गया था. ईडी को भेजे गये अपने पत्र में सीएम हेमंत ने यह दावा किया था कि ईडी अपने पॉलिटिकल मास्टर की सह गैर भाजपा शासित दलों को परेशान करती रहती है, और यह जानते हुए कि किसी भी मुख्यमंत्री के लिए 15 अगस्त कितना व्यस्तता भरा दिन होता है, जानबूछ कर 14 अगस्त की तारीख चुनी गयी, सीएम हेमंत ने दावा किया ऐसा कर ईडी सिर्फ अपने पॉलिटिकल मास्टर को खुश करना चाहती है. उसके पास हमारे खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. हमारे सारे संपत्तियों की पूरी सूची पहले ही आयकर विभाग और ईडी को सौंप दी गयी है, बावजूद इसके यदि ईडी को किसी दूसरे कागजात की जरुरत है तो वह इसकी मांग कर सकती है, लेकिन ईडी का इरादा दोषपूर्ण है. वह जांच नहीं बल्कि एक ऐसे वातावरण का निर्माण चाहती है, ताकि हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा को तार तार किया जा सके. अपनी उसी पत्र में सीएम हेमंत ने साफ अल्फाज में ईडी को अपना समन वापस लेने या कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा था.
Recent Comments