TNP DESK-राहुल गांधी को असम स्थित शंकरादेव के मंदिर का दौरा करने से अनुमति नहीं देने के बाद पूरे देश में कांग्रेस समर्थकों में उबाल है, सोशल मीडिया पर इस वक्त राम मंदिर के साथ ही राहुल गांधी भी ट्रेंड हो रहे हैं, राहुल गांधी का मंदिर में प्रवेश से इंकार को सीधे-सीधे पीएम मोदी की तानाशाही बताया जा रहा है, उनका दावा है कि राहुल गांधी को मंदिर में प्रवेश की अनुमति से देने से इंकार पीएम मोदी ने यह साफ कर दिया है कि अब इस देश में किसी को मंदिर जाने के पहले भी भाजपा की इजाजत लेनी होगी, यानी अब हमारी पूजा पाठ पर भी भाजपा का पहरा होगा, हमारी आस्था की निगाहबानी होगी. इस मामले में अब तक का सबसे बड़ा विरोध कांग्रेस के कद्दावर नेता जयराम रमेश की ओर से आया है, अपने सोशल मीडिया पर जयराम रमेश ने लिखा है कि “देश के 'अहंकराचार्य' नहीं चाहते कि देश की निगाहें किसी और विषय पर हों. हम 2 घंटे तक बैरिकेड के पास बैठे रहे और जब गौरव गोगोई जी और शिवामणि बरुआ जी बोरदोवा थान से वापस आए तो हम वहां से निकले. हमें खेद है कि इन कारणों से हम सुबह यात्रा नहीं कर पाए.

ज्यादा दिन नहीं चलेगी यह गुंडागर्दी

ध्यान रहे कि इसके पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर मोर्चा खोलते हुए लिखा था कि ‘मंदिर जाने से रोकना? समझ क्या रखा है? अब धार्मिक स्थलों पर भी इनका नियंत्रण चलेगा क्या? ये गुंडागर्दी ज़्यादा दिन की नहीं हैं. समझ लीजिए. जब कोई सुबाहु और मारीच किसी को पूजा, यज्ञ करने से रोकते हैं, तब-तब प्रभु श्री राम उसका वध करते हैं. अति का अंत निश्चित है” वहीं एक कांग्रेस समर्थक यूजर ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए लिखा है कि प्रभु श्री राम भी बीजेपी बालो को माफ नहीं करेंगे, क्यूं की भगवान जान रह गए हैं ये लोग उनके नाम पर राजनीति खेल रहे हैं. राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा सनातन धर्म का गुरु शंकराचार्य को बनाना चाहिए था, लेकिन कैमराचार्य कर रहे है.ये लोग हमारे हिंदुत्व की सुंदरता को बर्बाद कर रहे हैं.

संत श्री शंकरादेव के मंदिर में प्रवेश से रोका गया था राहुल गांधी को

ध्यान रहे कि आज राहुल गांधी का असम स्थित संत श्री शंकरादेव के जन्म भूमि पर स्थित मंदिर जाने का कार्यक्रम था, लेकिन दावा किया जाता है कि असम सरकरा के द्वारा राहुल गांधी को इसकी अनुमति नहीं प्रदान की गयी, जिसके बाद पूरे देश से इसके विरोध में आवाज उठने लगी,   कांग्रेसी समर्थकों दावा है कि राम के इस प्राण  प्रतिष्ठा में भी भाजपा सियासत करने की कोशिश कर रही है,  वह हिन्दूओं के आस्था पुरुष श्री राम के सहारे 2024 का सियासी बैतरणी पार करने की साजिश रच रही है, और यही कारण है कि विरोधी दलों के नेताओं को मंदिर जाने से रोका जा रहा, उन्हे मंदिर जाने की अनुमति नहीं दी जी रही  है. कांग्रेस की ओर से अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा गया है कि “भारत जोड़ो न्याय यात्रा' आज असम में है. राहुल गांधी जी आज सुबह मंदिर में दर्शन करने जाने वाले थे. उनका यहां जाना पहले से तय था. अब BJP सरकार ने पुलिस लगाकर उन्हें मंदिर जाने से रोक दिया. आखिर मंदिर जाने से क्यों रोका जा रहा है? आस्था पर पहरा लगाने वाले ये कौन होते हैं.

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