Ranchi-सीएम हेमंत ने नाम आठवें समन के बाद आज सीएम आवास से एक बंद लिफाफा ईडी दफ्तर पहुंचा. हालांकि इस बंद लिफाफे का मजमून क्या है, अभी इसको लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आयी है, लेकिन माना जा रहा है कि इस बंद लिफाफे में ईडी को उन सवालों का जवाब भेजा गया होगा, जो उनकी ओर से आठवें समन में उठाया गया था. यहां ध्यान रहे कि अपने सातवें समन को ईडी की ओर से अपना आखिरी समन बताया गया था, जिसके बाद राज्य में सियासी गतिविधियां तेज हो गयी थी, इस बीच सरफराज अहमद के इस्तीफे को सीएम हेमंत के इस्तीफे से जोड़कर देखा जाने लगा है. लेकिन जब उसके बाद भी सीएम हेमंत ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे तो एक बार फिर से ईडी की आठवां समन भेजा गया, आठवें समन में सीएम हेमंत की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए ईडी ने साफ अल्फाज में चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि बार बार के समन के बावजूद आपका उपस्थित नहीं होना कई सवाल खड़े करता है, इस हालत में ईडी कानूनी कार्रवाई को बाध्य होगी, और खुद ईडी ही आपका दफ्तर पहुंच सकती है, उस हालत में कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेवारी राज्य सराकर की होगी. माना जाता है कि आज ईडी के उसी आठवें समन का जवाब भेजा गया है.

सीएम हेमंत लगातार ईडी को अपनी गिरफ्तारी की चुनौती पेश कर रहे हैं

यहां बता दें कि सीएम हेमंत लगातार ईडी को अपनी गिरफ्तारी की चुनौती दे रहे हैं, उनका दावा है कि ईडी अपने पॉलिटिक्ल आका के दवाब में समन दर समन भेज कर उनकी सरकार को बदनाम करना चाहती है, लेकिन उनकी सरकार कोई खेल में लगाई गयी मूली गाजर नहीं है कि उसे भाजपा उखाड़ कर ले जाये, सीएम के बयान से साफ है कि सीएम हेमंत ईडी के सवालों से टकराने के बजाय अंतिम मुकाबले को तैयार है. वह इसे 2024 का सियासी मुद्दा बनाना चाहते हैं, ताकि उनकी गिरफ्तारी को उनके समर्थकों के बीच एक राजनीतिक शक्ल में परोसा जाय, और इस सहानुभूति पर सवार होकर उनकी पार्टी एक बार से सत्ता की दहलीज पर खड़ी हो जाय, दूसरी ओर भाजपा की मुश्किल यह है कि वह 2024 के पहले सीएम हेमंत को गिरफ्तार कर उनके सियासी शहीद का दर्जा देना नहीं चाहती ताकि उसे  2024 के लोकसभा चुनाव में आदिवासी मूलवासी मतों से हाथ धोना पड़े. इस हालत में यह जानना दिलचस्प होगा कि आज के बंद लिफाफे में सरकार की ओर से कौन सा बम फोड़ा गया है.

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