पटना (PATNA) : बिहार सरकार राज्य के किसानों को बढ़ावा देने के लिए हर अथक प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में राज्य के अब कृषि बाजार प्रांगणों का आधुनिकीकरण करेगी. इनके आधुनिकीकरण से अब किसानों को अनेकों सुविधाएं मिलने लगेंगी. पहले चरण में वर्ष 2025-26 में 5,40,61,47,600 रुपए की लागत से 9 कृषि बाजार प्रांगणों का आधुनिकरण किया जाएगा.

जिनका आधुनिकरण होगा उनमें सासाराम , बेगूसराय, कटिहार, फारबिसगंज, जहानाबाद,  दरभंगा, किशनगंज, छपरा, बिहटा के बाजार प्रांगण शामिल हैं. इससे किसानों को उपज बेचने में सहूलियत होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलेगी. इन स्थानों पर आधुनिक बाजार प्रांगणों के निर्माण होने से किसानों को मिलने वाली सुविधाओं का भी विस्तार होगा.

सभी 8152 पंचायतों में खुल चुके हैं पंचायत कृषि कार्यालय
बिहार सरकार का कृषि विभाग किसानों की आय बढ़ाने के लिए पंचायतों तक अपना शाखाएं फैला चुका है. इस मकसद से राज्य की सभी 8152 पंचायतों में पंचायत कृषि कार्यालय खोले गए हैं. अब किसान कृषि योजनायों का लाभ आसानी से उठा पा रहे हैं तो वहीं कृषि विभाग भी उत्पादित की जा रही फसलों का आकलन और योजनाओं का सही क्रियान्वयन कर पा रहा है.

इन पंचायत कृषि कार्यालयों के साथ - साथ 479 प्रखण्डों में ई-किसान भवन, 27 जिलों में जिला कृषि भवन तथा 04 प्रमण्डलस्तरीय संयुक्त कृषि भवन का निर्माण किया गया है. साथ ही, राज्य स्तर पर 16.35 करोड़ रूपये की लागत से बामेती भवन तथा 105.65 करोड़ रूपये की लागत से मीठापुर (पटना) में कृषि भवन, बिहार का निर्माण कराया गया.

किसानों को कृषि यंत्र भी उपलब्ध करवा रही है सरकार
बिहार में कृषि यांत्रिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार कृषि रोड मैप के जरिए निरंतर प्रयास कर रही है. कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों की खरीद पर पर किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही है. इसी कड़ी में किसानों को अनुदान पर 8 लाख से अधिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं.

राज्य सरकार के इस कदम से छोटे और मध्यम किसानों को भी आधुनिक यंत्रों का लाभ मिल रहा है. इस सरकारी पहल से अब राज्य में कृषि लाभकारी हो रही है. कृषि रोड मैप के पहले मात्र 48,956 कृषि यंत्र किसानों को उपलब्ध कराया गया था. किसानों को अब तक 28,23,364 कृषि यंत्र अनुदानित दर-पर उपलब्ध कराये गये हैं, इसके फलस्वरूप राज्य में फार्म पावर उपलब्धता वर्ष 2004-05 में 1.00 किलोवाट प्रति हेक्टेयर से कम था जो बढ़कर वर्ष 2022-23 में 3.56 किलोवाट प्रति हेक्टेयर हो गया.