पटना(PATNA):बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और झारखंड की मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने हाल ही में अपनी प्रतिक्रियाओं में बिहार और देश की राजनीति से जुड़े कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी.इन बयानों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है, खासकर बीजेपी और RSS की नीतियों और उनके द्वारा उठाए गए कदमों पर कड़ी आलोचना की गई है.
बीजेपी और RSS की गठबंधन सरकार में दलितों के लिए कोई स्थान नहीं
राजेश राम ने देश के सर्वोच्च न्यायिक निकाय के प्रमुख, मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्य न्यायाधीश पर हमला किया गया है, वह न केवल संविधान की अवमानना है, बल्कि यह एक खतरनाक संकेत है कि बीजेपी और RSS की गठबंधन सरकार में दलितों के लिए कोई स्थान नहीं है. राजेश राम ने कहा कि इस प्रकार के हमले का विरोध करना कांग्रेस पार्टी का कर्तव्य है, और वे इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे.उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा कांग्रेस पार्टी हमेशा करती रही है, और जब तक यह खतरे में रहेगी, पार्टी उसका विरोध करती रहेगी. इस बयान से राजेश राम ने यह भी साफ किया कि संविधान में किसी भी प्रकार की भावना की कोई जगह नहीं है, और बीजेपी और RSS का यह कदम पूरी तरह से असंवैधानिक है.
महिला रोजगार योजना पर साधा निशाना
राजेश राम ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी सीट शेयरिंग के लिए काम कर रही है, और इसमे महिलाओं का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा.उन्होंने इस बात का भरोसा दिया कि कांग्रेस महिलाओं को उनके हक का पूरा हिस्सा देगी, और इस दिशा में पार्टी 24 घंटे काम कर रही है. उनके इस बयान से यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस आगामी चुनावों में महिलाओं को प्राथमिकता देने का प्रयास करेगी और उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल करने के लिए अधिक से अधिक अवसर प्रदान करेगी.वहीं, झारखंड सरकार की मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने भी पीएम मोदी और नीतीश कुमार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जो करोड़ों की सौगात देने की बात करते है, वह केवल चुनाव के समय होती है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी ने 10 हजार रुपये की राशि दी, जो पूरी तरह से चुनावी जुमला था.
नीतीश कुमार और पीएम मोदी आपसी मौसेरे भाई की तरह काम कर रहे है
दीपिका पांडेय ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार और पीएम मोदी आपसी मौसेरे भाई की तरह काम कर रहे है. उनका आरोप था कि दोनों नेता जनता को भ्रमित करने के लिए आपस में राजनीतिक जोड़-तोड़ कर रहे है.दीपिका पांडेय ने बिहार की गरीबी की स्थिति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार की 64% आबादी गरीबी से जूझ रही है, और अगर राज्य में 20 साल से सुशासन था, तो फिर यह आंकड़ा इतना ऊंचा क्यों है? उनका आरोप था कि राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए कोई खास योजनाएं नहीं बनाई हैं और मुख्यमंत्री को इस विषय पर महिलाओं से सीधे संवाद करना चाहिए.उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी जैसे नेता महिलाओं के बीच में आकर राजनीति कर रहे हैं, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री को सीधे महिलाओं से बात करनी चाहिए। यह बयान बिहार में महिलाओं की स्थिति को लेकर चल रही चर्चा को और तेज करता है.
बीजेपी और जेडीयू की सरकार पर चुनाव के समय “लॉलीपॉप” थमाने का आरोप भी लगाया
दीपिका पांडेय ने बीजेपी और जेडीयू की सरकार पर चुनाव के समय “लॉलीपॉप” थमाने का आरोप भी लगाया.उनका कहना था कि जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पंजाब में पैसों की बढ़ोतरी के बाद चुनावी घोषणाएं की गई, वैसे ही बिहार में भी चुनाव के समय कई वादे किए गए, लेकिन उन वादों को सरकार ने पूरा नहीं किया.उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा अगर साफ होती तो पूरे देश में महिलाओं के लिए समान घोषणाएं की जाती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.दीपिका पांडेय ने प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर भी बात की. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब लाखों प्रवासी मजदूर पैदल अपने घरों की ओर लौट रहे थे, तब कांग्रेस शासित राज्यों ने बेहतर तरीके से इन मजदूरों की मदद की। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस पार्टी ने हवाई जहाज और विशेष ट्रेनों के माध्यम से इन मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाया.आज कांग्रेस पार्टी माइग्रेट सेल चला रही है, जो प्रवासी मजदूरों के मुद्दों पर लगातार काम कर रही है.

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