टीएनपी डेस्क: विजयादशमी के पर्व पर इस बार रावण दहन से पहले ही एक अनोखा दृश्य देखने को मिला. आयोजन स्थल पर खड़ा विशाल रावण का पुतला अचानक झुक गया. स्थानीय श्रद्धालुओं और दर्शकों ने इसे धार्मिक आस्था से जोड़कर देखा. उनका कहना है कि शायद रावण पर इंद्र देवता नाराज हो गए थे, इसीलिए जलने से पहले ही उसका सिर झुक गया. लोगों ने इसे आकाशीय संकेत बताते हुए कहा कि यह इस बात का प्रतीक है कि अहंकार का अंत तय है, और बुराई की हमेशा हार होती है. हालाँकि आयोजकों का कहना है कि तेज हवा और तकनीकी खामी की वजह से रावण का पुतला समय से पहले झुक गया. इस घटना ने दशहरा मैदान में उत्सुकता और रोमांच को और बढ़ा दिया। लोग कहते दिखे—"चाहे रावण कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसका अंत निश्चित है."