TNP DESK- पटना का संजय गांधी जैविक उद्यान अब केवल जानवरों को देखने का स्थल नहीं रहा, बल्कि यह परिवारों के लिए एक सुरक्षित, स्वच्छ और मनोरंजक पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित हो गया है. प्राकृतिक सुंदरता, आधुनिक सुविधाएं और मनोरंजन का संगम इसे राजधानीवासियों और बाहरी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा है. यहां हर वर्ष करीब 23 लाख से अधिक पर्यटक घूमने आते हैं.
पटना जू (चिड़ियाघर) अब एक नए और आकर्षक रूप में पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है. यहां प्रवेश करते ही फूलों से सजे रंगीन गेट, पक्षियों की मधुर चहचहाहट और मनमोहक वातावरण आगंतुकों का दिल जीत लेते हैं. रंग-बिरंगे मौसमी फूल और हरियाली पूरे परिसर को ताजगी भरा बना रहे हैं.
हाल ही में यहां पर्यटकों की सुविधा और प्राकृतिक सौंदर्य को और निखारने के लिए कई नए कदम उठाए हैं. साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे पूरा उद्यान स्वच्छ और आकर्षक दिखाई देता है. महिलाओं और परिवारों की सहूलियत के लिए यहां चाइल्ड केयर यूनिट स्थापित की गई है, जहां महिलाएं बच्चों को आराम से दूध पिला सकती हैं. इसके अलावा, सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन आदि सुविधाओं ने जू को महिला मित्रवत स्थल बना दिया है.
मनोरंजन के लिए ये सभी सुविधाएं उपलब्ध
बच्चों और परिवारों के मनोरंजन के लिए नया जल उद्यान (जल उद्यान) का कायाकल्प किया गया है. यहां का आकर्षक झरना प्राकृतिक झरने का आनंद प्रदान करता है. बच्चों के लिए आधुनिक खेल उपकरणों से सुसज्जित चिल्ड्रन पार्क और नौका विहार (बोटिंग) जैसी मनोरंजक गतिविधियां पूरे परिवार के लिए दिन को यादगार बना देती हैं.
पटना का चिड़ियाघर हमेशा से ही अपनी विविध जीव-जंतुओं की प्रजातियों और हरियाली के लिए प्रसिद्ध रहा है. अब इसमें जोड़ी गई नई सुविधाएं इसे और भी विशेष बना रही हैं.
चिड़ियाघर प्रशासन ने क्या कहा
चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि उद्देश्य केवल जीव-जंतुओं का संरक्षण और प्रदर्शन नहीं, बल्कि पर्यटकों को बेहतर अनुभव और प्राकृतिक माहौल से जोड़ना भी है. यही कारण है कि फूलों की सजावट से लेकर स्वच्छता अभियान तक हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया गया है. जू को और बेहतर, आकर्षक एवं पर्यटक अनुकूल बनाने के लिए आगंतुकों से फीडबैक फार्म के जरिए उनके सुझाव भेजने की भी सुविधा है.

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