सहरसा(SAHARSA):गुरु का दरजा हमारे देश में भगवान के दर्जे से भी ऊपर रखा गया है.भगवान से पहले हमारे देश में गुरु की पूजा की जाती है. गुरु आपको जीवन में सही मार्ग दिखाता है,लेकिन बदलते दौर के साथ अब गुरु का दरजा भी दागदार हो रहा है. बिहार के सहरसा जिले से एक ऐसी ही शर्मनाक खबर सामने आई है, जहां एक प्रभारी प्रधानाध्यापक रसोईया के साथ आपत्तीजनक स्थिति में पकड़े गये है.
पकड़े जाने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है
पूरा मामला सहरसा जिले के सलखुआ प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय गोरदह का है.जहां सहायक शिक्षक-सह-प्रभारी प्रधानाध्यापक सुभाष कुमार को रसोईया के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े जाने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है,उनके खिलाफ विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.यह कार्रवाई जिला शिक्षा पदाधिकारी, सहरसा द्वारा की गई है.
दोनों के बीच चल रहा था अवैध संबंध
मिली जानकारी के अनुसार, सुभाष कुमार के विद्यालय की एक रसोईया के साथ अवैध संबंध होने की शिकायत पहले से ही थी. 8 फरवरी की रात ग्रामीणों ने उन्हें विद्यालय भवन में आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद सलखुआ थानाध्यक्ष ने सुभाष कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
अनुशासनहीनता को लेकर जिला शिक्षा कार्यालय को रिपोर्ट भेजी गई
घटना की जानकारी मिलते ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, सलखुआ ने 9 फरवरी को पत्रांक-46 के तहत सुभाष कुमार से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था.निर्धारित समय सीमा में जवाब न देने पर इसे अनुशासनहीनता मानते हुए जिला शिक्षा कार्यालय को रिपोर्ट भेजी गई.जिला शिक्षा पदाधिकारी, सहरसा ने इसे बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 का उल्लंघन मानते हुए, बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के नियम-9 (1) के तहत सुभाष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, नवहट्टा का कार्यालय निर्धारित किया गया है, जहां वे उपस्थिति दर्ज कराएंगे और जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करेंगे.
जांच अधिकारियों को 60 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं
मामले की जांच के लिए सिमरी बख्तियारपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रंजन कुमार शर्मा और सलखुआ की प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती सविता कुमारी को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नियुक्त किया गया है.जांच अधिकारियों को 60 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं.आरोप पत्र प्रपत्र 'क' अलग से जारी किया जाएगा.यह मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है, और इसे कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है.

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