बेतिया(BETIAH): गौनाहा सहोदरा थाना क्षेत्र के बलबल गांव में बुधवार सुबह 7 बजे एक दिल दहला देने वाली घटना घटी. खेत में काम कर रहे 50 वर्षीय राधा महतो पर अचानक बाघ ने हमला कर दिया. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए.आनन फानन में अन्य काम कर रहे लोगों ने घायल को अस्पताल में भर्ती कराया. बाघ की खबर से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया है. वन विभाग में अलर्ट होकर जांच में जुट गया.
घटना की भयावहता को याद करते हुए घायल राधा महतो ने बताया, "मैं जंगल के किनारे अपने धान के खेत में गिराए गए बीचड़े को देखने गया था. अचानक, बाघ ने मुझ पर हमला कर दिया." उनकी आवाज में डर और दर्द साफ झलक रहा था.बगल के खेत में काम कर रहे मजदूरों ने जब यह खौफनाक दृश्य देखा तो वे जोर-जोर से चिल्लाने लगे. उनके शोर मचाने से बाघ राधा महतो को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया. मजदूरों ने तुरंत यह सूचना राधा महतो के परिजनों को दी, जिन्होंने किसी तरह घायल को रेफरल अस्पताल गौनाहा पहुंचाया.
डॉक्टर विवेक विकास ने बताया, "मरीज सुबह 7:30 बजे अस्पताल पहुंचा. राधा महतो के दाहिने पैर में दो जगह बाघ के काटने से गहरे जख्म हो गए थे. जांघ में एक जगह चार इंच लंबा और डेढ़ इंच गहरा जख्म था, जिसकी सफाई कर 10 टांके लगाए गए हैं." डॉक्टर ने यह भी आश्वासन दिया कि फिलहाल राधा महतो खतरे से बाहर हैं.
रेंजर सुनील कुमार पाठक ने बताया, "घायल व्यक्ति द्वारा बताए गए घटना स्थल पर वनकर्मियों को भेजा गया है. यदि स्थल पर बाघ के पग मार्क और अन्य कोई सुराग मिलता है तो यह मान लिया जाएगा कि उक्त व्यक्ति बाघ के हमले से ही घायल हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि वन विभाग द्वारा घायल व्यक्ति का इलाज कराया जाएगा और उचित मुआवजा दिया जाएगा.
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है. ग्रामीणों में भय और चिंता का माहौल है. घटना की चर्चा हर जगह हो रही है और लोग इस अप्रत्याशित हमले से दहशत में हैं. बाघ के हमले की पुष्टि वन विभाग द्वारा अभी तक नहीं की गई है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और आवश्यक कदम उठा रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन इस बार की घटना ने उन्हें हिला कर रख दिया है. राधा महतो के परिवार और गांव वाले बाघ के डर से सहमे हुए हैं और वन विभाग से तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
इस घटना ने प्रशासन और वन विभाग की तत्परता और जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लोगों की सुरक्षा और बाघ के खतरे से निपटने के लिए प्रशासन को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है. फिलहाल, ग्रामीणों की उम्मीदें प्रशासन और वन विभाग की ओर टिकी हैं कि वे इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकालेंगे.
रिपोर्ट:सत्येन्द्र कुमार पांडे

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