टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : भाजपा नेता भानू प्रताप शाही ने एकबार फिर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए निशाना साधा है. रिम्स में डॉक्टरों और कर्मियों को वेतन नहीं मिलने पर सरकार पर सवाल उठाया है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हेमंत सरकार की मंईयां योजना का रुझान आना शुरू हो गया है. सरकार डॉक्टरों और कर्मियों को वेतन नहीं दे पा रही है. आनेवाले दिनों में यह हर विभाग में देखने को मिलेगा की हेमंत है तो पेमेंट नहीं है.

गौरतलब है कि रिम्स में करीब 400 डॉक्टर और 2100 कर्मचारी सेवा देते हैं. इनके वेतन के लिए हर माह 25 करोड़ रुपये की जरूरत होती है. वहीं, सरकार गैर नियोजन मद में सालाना 300 करोड़ रुपये वेतन फंड देती है. नये वित्तीय वर्ष का फंड अक्सर मई माह तक सरकार से मिल जाता है, लेकिन इस साल 13 जून तक भी फंड नहीं आया. ऐसे में रिम्स के पास डॉक्टरों और कर्मियों के वेतन के लिए पैसे नहीं हैं.

मिली जानकारी के अनुसार रिम्स की ओर से आंतरिक फंड से दो माह का वेतन दिया गया था, लेकिन जून माह में इस आंतरिक फंड में मात्र आठ से नौ करोड़ रुपये ही बचे हैं. ऐसे में विचार किया जा रहा है कि छोटे कर्मचारियों का वेतन जारी कर दिया जाए. वहीं, फंड आने के बाद डॉक्टरों को वेतन दिया जायए. इधर रिम्स की ओर से स्वास्थ्य विभाग से वित्तीय वर्ष 2025-26 का फंड जारी करने की अपील करने की तैयारी की जा रही है. अब देखने वाली बात है कि सरकार कब तक फंड जारी करती है और कब तक कर्मियों को वेतन का भुगतान किया जाता है.

वहीं इस मामले पर रिम्स के पीआरओ डॉ राजीव रंजन ने कहना है कि वेतन देने के लिए वाकई में फंड नहीं है. अब इंटरनल फंड का पैसा भी खत्म हो गया है. हर साल मई से पहले फंड मिल जाता था, लेकिन पता नहीं इस वित्तीय वर्ष का फंड क्यों नहीं आया. छोटे कर्मचारियों को परेशानी न हो, इसके लिए कोई रास्ता निकाला जा रहा है.