बोकारो (BOKARO) : जिन गरीबों के पास अपना पक्का मकान नही है, उन गरीबों को केंद्र और प्रदेश सरकार मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना अथवा अबुआ आवास योजना का लाभ दे रही है. लेकिन बोकारो जिले के गोमिया प्रखण्ड के हजारी पंचायत क्षेत्र की अस्सी वर्षीय वृद्धा मनवा देवी सरकारी आवास योजना के लाभ से आज भी वंचित है. पति की मृत्यु के बाद, मनवा देवी एक टूटे फूटे झोपड़ी नुमा मिट्टी के आवास में रहने को मजबूर है. आवास योजना से वंचित वृद्ध महिला की जिंदगी उसी टूटे फूटे मिट्टी के मकान में अपनी विधवा बेटी चूड़ामणि देवी और दिव्यांग नाती के साथ कटने को मजबूर हैं.
केन्द्र व प्रदेश सरकार गरीबों व जरुरतमंदों को प्रधानमंत्री आवास योजना अथवा अबुआ आवास योजना के तहत पक्का मकान दे रही है. जिससे कि उन्हें छत मिल सके और वे अपनी जिंदगी आसानी से गुजार सकें. परन्तु कभी कभी लाचार और जरूरतमंदों के आवेदन सरकारी फाइलों में दबी रह जाती है.
टूटे फूटे झोपड़ी में रहने को मजबूर
बता दें कि गोमिया प्रखण्ड के हजारी पंचायत के ख़ुदगड्डा ग्राम की वृद्ध महिला मनवा देवी आज भी इन योजनाओं के लाभ से कोसों दूर है. जिम्मेवार अधिकारियों और कर्मचारियों सहित पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही ने इस वृद्ध महिला को उस हालात में जीने को मजबूर कर दिया है. इस बारे में लोग दबे स्वर में कहते हैं कि जिन्हें मिलना चाहिए था सरकारी आवास योजना का लाभ, आज उनकी जिंदगी टूटे फूटे झोपड़ी में कटने को मजबूर हो गई है.
गरीबी के कारण बिक गई जमीन
मनवा देवी की शादी कई दशक पूर्व हुई थी, लेकिन कुछ साल के भीतर ही उनके पति की मृत्यु हो जाती है, फिर कुछ वर्ष के बाद बेटी चूड़ामणि भी, पति के मौत के बाद विधवा हो जाती है. गरीबी के कारण उनकी कुछ जमीन भी बिक गई, सारी जमा पूंजी भी खत्म हो गई. मनवा देवी की किस्मत में और भी दुख लिखा हुआ था. बेटी चूड़ामणि देवी का पुत्र, जो मनवा देवी के साथ रहता हैं वो भी दिव्यांग हैं. इधर वृद्ध मनवा देवी और उनकी विधवा पुत्री चूड़ामणि खुद मेहनत-मजदूरी कर अपने जीवन के गुजारे की लड़ाई लडते हुए इस समय एक टूटी फूटी झोपड़ी में गुजर-बसर कर रही है. उन्हें सरकार की आवास योजनाओं का लाभ तक नहीं मिल पा रहा है.
आवास के लिए कई बार अधिकारियों के काट चुकी चक्कर
वृद्ध महिला ने बताया कि वह सरकारी आवास योजना के तहत पक्का मकान पाने के लिए कई बार अधिकारियों के यहां चक्कर काट चुकी है, लेकिन हर बार उसे सिर्फ आश्वासन ही मिला है. वृद्ध मनवा देवी का मिट्टी का मकान जो बांस और लकड़ियों के सहारे मिट्टी से बना है. बारिश के समय में पानी टपकने लगता है. वहीं पानी टपकने से उनके हालात और भी बदतर हो जाते हैं. मनवा देवी की पीड़ा सिर्फ गरीबी तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकारी तंत्र की उपेक्षा भी उसके दर्द को बढ़ा रही है. शिकायत करने पर उसकी फरियाद फाइलों में दबी रह जाती है, लेकिन समाधान कोई नहीं करता है. न तो प्रधानमंत्री आवास मिला और न ही अबुआ आवास, यहां तक की अम्बेडकर आवास योजना के लायक भी प्रशासन ने इस निरीह बेबस, मजबूर वृद्धा का दर्द नही समझा.
जानिए क्या कहते हैं प्रखंड के बीडीओ
इधर प्रखंड के बीडीओ महादेव कुमार महतो ने बताया कि महिला के आवास के लिए सर्वे करवा लिया गया है,और जल्द ही उसे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलवाया जाएगा. इसके लिए उनके द्वारा जांच का आदेश भी जारी कर दिया गया है, कि आखिर मनवा देवी को आवास का लाभ मिलने में क्यों देरी हुई है. इधर पंचायत की मुखिया तारामणि भोक्ता ने बताया कि महिला का अबुआ आवास नहीं हो पाया लेकिन प्रधानमंत्री आवास के लिए जियो टैग करा लिया गया है, जब भी सूची आएगी तो उनका नाम उस सूची में रहेगा और आवास योजना का लाभ भी मिलेगा.
अब ऐसे में जरा सोचिए कि कुछ दिनों में बरसात का मौसम आ जायेगा. बारिश होगी तो टूटे फूटे झोपड़ी में पानी टपकेगा ही. ऐसे में वृद्धा झोपड़ी में रखे अपने सामानों को बचाये या अपने आप को. यह एक चिंतनीय विषय है.
रिपोर्ट-संजय कुमार
Recent Comments