दुमका(DUMKA): जिले में 2 महीने के अंदर तीन पेट्रोल कांड की घटनाएं घटी. जिसमें ना सिर्फ देश, राज्य और जिला का नाम खराब हुआ बल्कि दो बेटियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. बता दें कि पेट्रोल छिड़ककर हत्या का जो सिलसिला शुरू हुआ है उस पर अब अंकुश लगाने के उद्देश्य से दुमका पुलिस प्रशासन की ओर से 2 दिन पूर्व एक अभियान चलाया गया था, जिसमें सभी पेट्रोल पंप संचालकों को बोतल में पेट्रोल या डीजल नहीं देने का निर्देश दिया गया था.
होटल संचालक और मॉल संचालक जैसे व्यापारियों को हो रही दिक्कत
पुलिस ने अभियान चलाकर कई दुकानों में छापेमारी भी की थी, जहां बोतल में पेट्रोल भरकर बेचा जाता था और पेट्रोल जब्त भी किया गया था. प्रशासन की इस कार्रवाई से खुदरा विक्रेताओं में हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन इस कदम के बाद कई व्यवहारिक परेशानी भी सामने आ रही है. जिले में कई ऐसे होटल संचालक, मॉल संचालक, जनरेटर चलाने से संबंधित व्यवसाय है. उन्हें जब डीजल की जरूरत होती है और वह डब्बा लेकर पेट्रोल पंप पर जाता है तो उन्हें डीजल और पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है. इसी वजह से पेट्रोल पंप संचालकों से ग्राहक की बहस भी होती है.
थाना पहुंचकर पुलिस को मामले से कराया गया अवगत
इस मामले व्यवसायी का कहना है कि क्या हम जनरेटर लेकर डीजल लेने पेट्रोल पंप पर आएंगे. फिलहाल व्यावसायी और पंप संचालक सभी थाना पहुंचकर पुलिस को इस व्यवहारिक परेशानी से अवगत करा रहे हैं. वहीं, प्रशासनिक स्तर से खुलकर अभी तक इस पर कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि, इस व्यापारिक परेशानी से प्रशासनिक लोग अवगत हैं. तभी तो पेट्रोल पंप संचालकों को ग्राहक को चिन्हित करते हुए डब्बे में सिर्फ डीजल देने का मौखिक आदेश निर्गत किया गया है.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका

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