रांची(RANCHI): झारखंड में माओवादियो के खिलाफ लगातार चल रहे अभियान के बाद नक्सलियों के पैर उखड़ने लगे हैं. शायद यही कारण है की हाल के दिनों में कई इनामी माओवादी पुलिस के समक्ष सरेंडर करते जा रहे हैं. गौर करने वाली बात है कि झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार अभियान चलाया जा रहा है. नक्सलियों के खात्मे को लेकर सुरक्षाबलों की कार्रवाई जारी है. इस कार्रवाई के डर से माओवादी पुलिस के समक्ष अपने हथियार डाल रहे हैं. नए वर्ष की बात करें तो अब तक 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. रांची जोनल आईजी कार्यालय में आज 15 लाख के इनामी रिजनल कमांडर मिथिलेश महतो ने आत्मसमर्पण कर दिया है.
इस दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए अभियान आईजी AV होमकर ने कहा कि आज का दिन अहम है. सुरक्षा बलों के द्वारा लगातार नक्सलियों के खात्मे का अभियान चल रहा है. इस अभियान में सुरक्षाबल नक्सलियों के खात्मे के करीब है. चाहे वह बूढ़ा पहाड़ हो या पारसनाथ सभी जगहों पर अब माओवादी खत्म होने के कगार पर है.
सुरक्षाबलों की बढ़ती दबिश और सरकार की आत्मसमर्पण नीति का मिल रहा फायदा
उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षाबलों की बढ़ती दबिश और सरकार की आत्मसमर्पण नीति दोनों का फायदा मिल रहा है. हम नक्सलियों के घर तक जा कर उन्हें उनकी ही भाषा में समझा रहे हैं. झारखंड में आने वाले दिनों में अब नक्सलियों का खात्मा हो जाएगा. मिथलेश उर्फ दुर्योधन एक माओवादी संगठन में बड़ा नाम है. मिथलेश सरकार की नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटे हैं. मिथलेश पारसनाथ और झुमरा पहाड़ इलाके में सक्रिय था, रिजनल कमांडर रहते हुए इसने कई बड़े नक्सली घटना को अंजाम दिया था. इसपर झारखंड में एक सौ से अधिक मामले दर्ज हैं. आईजी होमकर ने कहा कि पारसनाथ क्षेत्र में सभी बड़े नक्सली या तो गिरफ्तार कर लिए गए या आत्मसमर्पण कर दिया. आज भी मिथलेश के आत्मसमर्पण से संगठन को बड़ी चोट पहुंची है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची

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