धनबाद(DHANBAD): आधुनिक भारत दुनिया से कदम मिलकर चलना सीख गया है, बल्कि अब हम दुनिया को पीछे छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. एक ओर जहां भारत के स्वदेश निर्मित रॉकेट विक्रम एस की सफलता पूर्वक अंतरिक्ष मे स्थापना हुई, वहीं अब आधुनिक ड्रोन के माध्यम से लोगों के घरों मे उनका पार्सल पहुंचाया जाएगा. बता दें कि सुदूर स्थानों में पार्सल की डिलीवरी एक समस्या है जहां डाकिया को पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार उपभोक्ताओं  का पार्सल या तो विलंब के साथ तय समय से लेट पहुंचता है या तो रिटर्न हो जाता है . ऐसे में यदि ड्रोन की सहायता से पार्सल पहुंचाया जाए तो इससे समय की भी बचत होगी तथा आवागमन में भी कोई परेशानी नहीं होगी .  

पहले भी हो चुका है सफल परीक्षण 

मालूम हो कि पहले ही इस योजना का प्रयोग किया जा चुका है परीक्षण के तौर पर इस योजना को भारतीय डाक विभाग ने 27 मई 2022 को गुजरात में कच्छ जिले के भुज तालुका के हबाय पोस्ट ऑफिस से भचाउ के नेर गांव तक ड्रोन के जरिए पार्सल पहुंचाया था. ड्रोन ने 25 मिनट में 46 किलोमीटर की दूरी तय की थी. पार्सल में चिकित्सा संबंधी सामग्री थी. गुजरात में सबसे पहले सफल पायलट परीक्षण के बाद डाक विभाग झारखंड में भी यह सेवा शुरू करने पर कार्य कर रहा है. विभाग कई जिलों में सर्वे करा रहा है. 

धनबाद बोकरों मे हो रहा है सर्वे 

धनबाद-बोकारो के सुदूर गांवों तक पहुंच बढ़ाने तथा डाक सुविधा अविलंब पहुँचने के उद्देश्य से जिले में डाक विभाग सर्वे करा रहा है. इसे लेकर विभाग ने जिला प्रशासन को एक पत्र लिखा है. इस योजना का उद्देश्य गांव व सुदूर इलाकों मे डाक सुविधा को पहुंचना है. साथ ही इसके माध्यम से जरूरी जीवनोपयोगी समान व चिकित्सीय सुविधा, दवा व समान को किसी भी परिस्थिति में  जनता तक पहुंचाया जा सके, इसकी योजना है. अगर वाणिज्यिक रूप से प्रयोग सफल रहा, तो डाक पार्सल सेवा और तेज गति से कार्य करेगी. पायलट परियोजना के तहत विशेष तौर पर ड्रोन से एक स्थान से दूसरे स्थान पर डाक पहुंचाने में आने वाली लागत का भी अध्ययन किया जायेगा. इस दौरान डाक पहुंचाने के कार्य में संलग्न कर्मचारियों के बीच समन्वय को भी परखा जायेगा. यदि ये सभी प्रयोग सफल रहा तो डाक की सेवा मे विस्तार होगा. इसके साथ झारखंड में डाक सेवा मे ड्रोन की तैनात की जाएगी .  

पहाड़ी इलाकों में बसे गांवों पर होगा विशेष ध्यान 

धनबाद- बोकारो के पहाड़ी क्षेत्र जहां आवागमन की सुविधा मुश्किल है यातायात आसान नहीं है ऐसे क्षेत्रों को इस पायलट योजना में अधिक ध्यान रखा जाएगा. सघन पहाड़ी क्षेत्र  जहां डाक कर्मी नहीं पहुंच पाते हैं, उन स्थानों में पार्सल तथा अन्य जरूरी वस्तुएं ड्रोन के माध्यम से पहुंचाई जाएगी. बताते चलें की दोनों जिलों में कई ऐसे सुदूरवर्ती स्थान हैं, जहां डाककर्मी समय पर नहीं पहुंच पाते हैं अथवा उनकी उपस्थिति ही दर्ज नहीं हो पाती है. अगर यहां सेवा शुरू होती है, तो बड़ी आबादी को इसका बड़ा लाभ मिलेगा.

 पहले चरण में दवा और जरूरी वस्तुवों की होगी डिलीवरी 

पहले चरण में सरकारी कर्मियों को दवा जैसी जरूरी वस्तुएं पहुंचाने की योजना है. साथ ही जिन गांवों में अनाज या दूसरी जीवन जरूरी वस्तुओं की जरूरत होगी उनको पहुंचाया जाएगा. किसी विषम परिस्थितयों में इसकी अत्यधिक उपयोगिता होगी. हाल के दिनों में कोरोना महामारी के दौरान आम जनजीवन बुरी तरह हताहत हुई थी. जिसमें लोगों को जरूरी समान के लिए भी तरसना पड़ा था. इस योजना से ये लाभ होगा की  इस तरह की विषम परिस्थितियों में भी जरूरी सुविधायें लोगों तक पहुंचाई जा सकेगी .  

Otp बताकर मिलेगी डिलीवरी

 ये ड्रोन स्मार्ट लॉकर से लैस होंगे जो केवल ग्राहक को प्रदान भेजे गए otp के जरीये ही खोले जा सकेंगे. इससे समान सही हाथों में पहुंचेगा और समय की बचत भी होगी. बताते चलें कि नई दिल्ली में ड्रोन महोत्सव 2022 का उद्घाटन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने इस तकनीक की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि 2030 तक भारत ड्रोन हब बन जाएगा. आज ड्रोन  का उपयोग सिर्फ फोटोग्राफी वीडियो रिकॉर्डिंग तक ही सीमित नहीं  रहा बल्कि कृषि रक्षा स्वास्थ्य और अब डाक विभागों  में  भी इसकी तैनाती होने जा रही है.