रांची(RANCHI): झारखंड के 48 नगर निकायों में एक साथ चुनाव कराने की घोषणा कभी भी हो सकती है. राज्य सरकार का इरादा ऐसा ही है. नगर विकास विभाग ने स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसे हेमंत कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा गया था, जिसे स्वीकृति मिल भी चुकी है. अगले वर्ष यानी 2023 में निकाय चुनाव प्रस्तावित है. रांची, चास (बोकारो),देवघर, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग नगर निगम समेत अन्य स्थानीय निकायों के चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी मंजूरी भी दे दी है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद चुनाव की तैयारियां शुरू हो जायेगी. फिलहाल एक दर्जन से अधिक निकायों का चुनाव लंबित है. राज्य निर्वाचन आयोग इन सभी निकायों में चुनाव की तैयारी कर रहा था, लेकिन, नगर विकास विभाग ने सभी 48 निकायों में एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव तैयार किया है.
OBC आरक्षण के बिना होगा नगर निकाय चुनाव
2023 का नगर निकाय चुनाव अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के बगैर ही होगा. ओबीसी की सीट को गैर आरक्षित श्रेणी में शामिल करते हुए चुनाव कराए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए नगर विकास विभाग ने ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराने का प्रस्ताव तैयार किया है. सभी निकायों में आरक्षण और आवंटन तथा महिला आरक्षण का प्रावधान किया जायेगा. झारखंड के 10 जिलों के 13 नगर निकायों में 2020 से चुनाव लंबित है. इन नगर निकायों में कुल 311 वार्ड पार्षद, तीन महापौर, 11 अध्यक्ष इत्यादि के लिए मतदान नहीं हो सका है. इसके अलावा नगर निकायों के पांच वार्डों के लिए भी उपचुनाव कराया जाना है. इन निकायों में 2015 में चुनाव हुए थे. अब नये सिरे से आरक्षण तय किया जायेगा. जिन निकायों में मतदान की प्रक्रिया लंबित है, उनमें गोमिया, बड़की सरैया, हरिहरगंज, धनबार, महगामा, बचरा, धनबाद, चास, विश्रामपुर, झुमरीतिलैया, चक्रधरपुर, कोडरमा और मझिआंव शामिल है. सरकार के स्तर से इस तरह के संकेत से सभी जनप्रतिनिधि सक्रिय हो गए हैं. चुनाव लड़ने की चाहत रखने वाले लोग जनता के बीच संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिए हैं.

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