रांची(RANCHI): कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग प्रक्रिया खत्म हो गई है. आज सुबह दस बजे से लेकर शाम चार बजे तक वोट डाले गए. झारखंड से कुल 319 डेलीगेट्स मेंबर मतदाता थे, जिसमें से 294 डेलीगेट्स ने वोटिंग की. वहीं, 25 डेलीगेट्स ने मतदान नहीं किया. बता दें कि मतपेटियों को सील कर सेवा विमान से दिल्ली भेज दिया गया है. अब वोटों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी.

केएन त्रिपाठी ने किया वोट

झारखंड कांग्रेस के नेता केएन त्रिपाठी ने भी कांग्रेस नेशनल प्रेसिडेंट पद के लिए नामांकन किया था, हालांकि उनका नामांकन रद्द कर दिया गया था. वहीं, जब केएन त्रिपाठी वोट डालने पहुंचे तब उन्होंने कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी प्रजातांत्रिक पार्टी है. त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस ने आंतरिक चुनाव में भी डेमोक्रेटिक पद्धति अपनाई गई है. वहीं, उनका नामांकन रद्द क्यों इस पर भी उन्होंने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कुछ त्रुटि की वजह से उनका आवेदन रद्द कर दिया गया था.

पार्टी में परिवारवाद का आरोप बेबुनियाद : आलमगीर आलम

झारखंड में कांग्रेस कोटे से ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने भी वोट डाला. वोट करने के बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही एक मात्र ऐसी राजनीतिक पार्टी है जहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत अध्यक्ष पद का चुनाव हो रहा है. पार्टी में परिवारवाद का आरोप बेबुनियाद है.

अध्यक्ष चुनाव के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच है मुकाबला

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव 2022 के लिए दो प्रत्याशी मैदान में हैं. वरिष्ठ नेता सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद शशि थरूर. ऐसी चर्चा है कि राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ही कांग्रेस आलाकमान के प्रत्याशी हैं, हालांकि इसकी घोषणा कांग्रेस आलाकमान ने नहीं की है. वहीं, सांसद शशि थरूर का सार्वजनिक मंच पर कांग्रेस पार्टी पर असंतोष जताना भी इसकी ओर इशारा करता है.

साल 1996 में इससे पहले बना था गैर-गांधी अध्यक्ष

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष का निर्वाचन साल 2000 में हुआ था, जिसमें वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जितेंद्र प्रसाद को भारी अंतर से हराया था. वहीं, साल 1996 में कांग्रेस का आखिरी गैर-गांधी अध्यक्ष था, जब सीताराम केसरी ने शरद पवार और राजेश पायलट को हराकर पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुना गया था.