टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार है. सीएम हेमंत सोरेन हाल ही में अपने लिए कई महत्वपूर्ण फैसलों के कारण काफी सुर्खियों में बने हुए हैं, चाहे वो 1932 के आधार पर स्थानीयता का फैसला हो, या ओबीसी आरक्षण का. इन फैसलों को लेकर सीएम की वाहवाही हो रही है. मगर, वाहवाही के साथ सीएम हेमंत सोरेन पर लगातार आरोप भी लगते रहे हैं. पहले खनन लीज मामले में सीएम पर आरोप लगाया गया, इसकी सुनवाई चुनाव आयोग ने की, जिसका फैसला भी राज्यपाल को सौंपा जा चुका है. वहीं अब अवैध खनन घोटाले से भी सीएम का नाम जोड़ा जा रहा है. इस मामले में पूछताछ के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसी ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजा है. इस समन मिलने के साथ ही ईडी द्वारा समन पाने वाले हेमंत सोरेन राज्य के पहले निवर्तमान सीएम बन गए हैं. इससे पहले राज्य के किसी भी सीएम को ईडी ने तलब नहीं किया है.
झारखंड में घोटाले की बात कोई नई नहीं है. झारखंड में हुआ कोयला घोटाला देश को आज भी याद है. इस घोटाले में राज्य के पूर्व सीएम मधू कोड़ा मुख्य आरोपी थे. उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था. मगर, उतने बड़े कोयला घोटाले में भी सीएम रहते उन्हें ईडी ने तलब नहीं किया था. मगर, सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने तलब किया है. इसके विरोध में झामुमो के कार्यकर्ता का जुटान भी शुरू हो गया है.
हिमाचल के सीएम को ईडी ने किया था तलब
वहीं सीएम हेमंत सोरेन के अलावा पूरे देश की बात की जाए तो एक या दो कुर्सी पर आसीन सीएम को छोड़कर आजतक किसी भी सीएम को ईडी ने तलब नहीं किया. बाकी जिस भी सीएम को ईडी ने तलब किया उनके कुर्सी छोड़ने के बाद ही उनसे पूछताछ की गई. देश में ऐसा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से पहले शायद एक ही बार हुआ है जब ईडी ने किसी सत्ता पर आसीन सीएम को तलब किया था. ऐसा ईडी ने 2017 में किया था जब उस समय वीरभद्र सिंह हिमाचल के वर्तमान सीएम थे. तब ईडी ने सीएम वीरभद्र सिंह को समन भेजा था. ईडी की ये कार्रवाई सीबीआई द्वारा उनके और उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ कथित रूप से आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 10 करोड़ रुपये की संपत्ति के लिए आरोप पत्र दायर करने के बाद की गई थी.
झामुमो कार्यकर्ताओं का हुआ महाजुटान
वीरभद्र सिंह के बाद हेमंत सोरेन दूसरे सीएम हैं जिनसे ईडी पूछताछ करने वाली है. इसके विरोध में रांची के मोरहाबादी मैदान में झामुमो कार्यकर्ताओं का महाजुटान हुआ है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि ईडी जान-बुझ कर उनके सीएम को परेशान कर रही है. वे इसका विरोध करेंगे. उनका कहना है कि केंद्र सरकार और बीजेपी को ये नहीं पच पा रहा है कि एक आदिवासी का बेटा राज्य का मुख्यमंत्री बन गया. उनका कहना है कि राज्य में जब से झामुमो की सरकार बनी है तभी से विपक्ष सरकार को गिराने की साजिश कर रहा है, लेकिन वो अपने मसूबों में सफल नहीं हो पाएंगे.

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