रांची(RANCHI): कांग्रेस अनुशासन समिति के द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में कांग्रेसी नेता आलोक दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता और साधु शरण गोप को चार से छह वर्षो के लिए पार्टी से निस्काषित करने का फैसला किया गया है. अनुशासन समिति के इस फैसले के बाद पार्टी में खलबली है.

बताया जा रहा है कि इन चारों नेताओं से इस मामले में 21 दिसंबर 2022 को स्पष्टीकरण की मांग की गयी थी, लेकिन उनके द्वारा निर्धारित समय में कोई जवाब नहीं दिया गया, साथ ही जवाब देने के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग की गयी थी, जिसके बाद पार्टी की ओर से इन्हे निकालने का फैसला लिया गया.  

यहां बता दे कि इन नेताओं ने 24 दिसंबर को एक संवाददाता सम्मेलन कर पार्टी अध्यक्ष और नेतृत्व की कार्यशली पर सवाल उठाये थें. जिसके बाद यह फैसला आया, इसकी अनुशंसा प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के द्वारा की गई थी.

कोलकाता कैश कांड में नहीं हुई अब तक कोई कार्रवाई

लेकिन इसके साथ ही यहां सवाल कोलकाता कैश कांड की भी याद आ जाती है, जब पार्टी के तीन विधायक डा. इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप  को कोलकाता की पुलिस ने भारी मात्रा में कैश के साथ गिरफ्तार किया था. खुद कांग्रेस की ओर से इन तीनों पर  गठबंधन की सरकार को अपदस्थ करने की साजिश में शामिल रहने का आरोप लगाया था, तब पार्टी विधायक अनुप सिंह ने इन तीनों पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाते हुए अरगोड़ा थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई गयी थी. उन्होंने बाद में यह भी कहा था कि इन तीनों विधायकों ने उन्हे भी साथ चलने को कहा था. हर विधायक के लिए 10 करोड़ की राशि देने का ऑफर मिला था.

विधायकों को खानी पड़ी थी हवालात की हवा

कोलकाता पुलिस ने कांग्रेस के आरोपी तीनों विधायकों के साथ लंबी पूछताछ की थी, साथ ही इन तीनों को कोलकाता जेल में रहना पड़ा था. बाद में इस मामले में ईडी की ओर से विधायक अनुप सिंह से पूछताछ की गयी थी. अनुप सिंह के आवास पर ईडी की छापेमारी भी हुई थी.
अब इस मामले में सत्यता क्या है, इसका आकलन को पार्टी को ही करना है, लेकिन वे तीनों विधायक आज भी कांग्रेस में ही है, और साथ ही विधायक अनुप सिंह भी अपने आप को पार्टी का वफादार सिपाही बतातें हैं. लेकिन पार्टी का इस मामले में कोई स्टैंड नहीं है.

तब क्या माना जाय कि कांग्रेस सिर्फ छोटी मछलियों के विरुद्ध कार्रवाई कर संगठन को  मजबूत करना चाहती है, या अपने विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई कर कड़ा संदेश देने की कोशिश करेगी.

रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार