रांची(RANCHI): सत्ता में रसूख रखने वाले कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल की रिमांड अवधि रविवार से शुरू हो गयी है. सात दिनों तक ईडी के सवालों का सामना करना पड़ेगा. पिछले शुक्रवार को अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था.

सूत्रों के अनुसार, झारखंड हाईकोर्ट में लंबित शेल कंपनियों से जुड़े मामले और झारखंड में हुए अवैध खनन घोटाला मामले में पूछताछ किये जाने की संभावना है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में यह खुलासा किया है कि अधिवक्ता राजीव कुमार कैश कांड मामले में गिरफ्तार अमित अग्रवाल साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन में भी शामिल रहे हैं. खनन विभाग और मुख्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों के नेक्सस से काम होता रहा है.

अमित की कंपनियों में मनी लाउंड्रिंग के ईडी को मिले कई सबूत

ईडी की जांच के दौरान प्रेम प्रकाश की कंपनियों से अमित की कंपनियों में मनी लाउंड्रिंग किये जाने के सबूत ईडी को मिले हैं. ईडी ने शनिवार को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में दायर रिमांड पिटीशन में बताया कि अमित अग्रवाल ने सुनियोजित साजिश के तहत हाइकोर्ट में चल रहे पीआइएल को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची. इसके लिए ट्रैवेल कंपनी चलानेवाले सोनू अग्रवाल के माध्यम से खुद ही अधिवक्ता राजीव कुमार से संपर्क किया गया.सोनू अग्रवाल ने कई बार राजीव कुमार का एयर टिकट और अन्य चीजें बनवायी हैं. सोनू अग्रवाल के जरिये ही राजीव कुमार कोलकाता पहुंचे थे. इसके बाद 31 जुलाई को अमित अग्रवाल ने 50 लाख रुपये देकर राजीव कुमार को रंगे हाथों पकड़वाया.

रसूख का इस्तेमाल कर कराया राजीव कुमार को गिरफ्तार  

बताया गया है कि अमित अग्रवाल ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए राजीव कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कराया और उनकी गिरफ्तारी करायी. बाद में कोलकाता के निचली अदालत में जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए अग्रिम जमानत प्रदान कर दी. ईडी की तरफ से अमित अग्रवाल से यह जानने की कोशिश भी की जायेगी कि साहिबगंज में बरामद किये गये. फेरी वाली कंपनी इंफ्रालिंक के विकास जालान के साथ अमित अग्रवाल के संबंधों को भी जांचा जायेगा. इंफ्रालिंक के जरिये ही 1148 ट्रक स्टोन चिप्स बांग्लादेश और अन्य जगहों पर स्टोन चिप्स पहुंचाया गया.

अमित अग्रवाल से पूछताछ शुरु हो गई है. सूत्रों के अनुसार अमित अग्रवाल सवालों का जवाब देने में हिचक रहे हैं. कई सवाल के बारे में उन्होंने बताया कि वे नहीं जानते. झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के संबंध में विश्वास के साथ से पूछताछ की जाएगी.