रांची (RANCHI)राज्य में सरकारी चिकित्सीय व्वयस्था से कोई भी अपरिचित नहीं है. हर आए दिन झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से ऐसी मार्मिक तस्वीर आती हैं कि दिल पिघल जाता है. कभी खटिया पर तो कभी  रिक्शा पर मरीज को लाद  कर परिजनों के द्वारा अस्पताल ले जाया जाता है. राज्य में PHC और CHC  पर डॉक्टरों की ड्यूटी दी जाती है, पर समय पर ना तो डॉक्टर मिलते हैं नहीं कोई मेडिकल प्रोफेसनल मिलते हैं. ऐसे में मरीज को सही समय पर इलाज नहीं मिलने से जान भी गवाना  पड़ता  है. 

बर्खास्त डॉक्टरों की जगह नई डॉक्टरों की होगी भर्ती 

राज्य सरकार ने लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों को चिन्हित कर लिया है. जो लंबे समय से ड्यूटी के दौरान गायब रहते हैं या भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं.  उन डॉक्टरों की सरकार ने लिस्ट बना ली है और अब उन्हें बर्खास्त करने की तैयारी कर ली है. स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला भी ले लिया है,और इसपर कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर लिया गया है. ताकि बर्खास्त डॉक्टरों की जगह नई भर्ती की जा सके.बर्खास्तगी  के साथ कई डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा. 

7 डॉक्टरों के जवाब से स्वास्थ्य विभाग संतुष्ट नहीं 

इसके लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) को पत्र लिखा जाएगा. वर्तमान में राज्य के 76 डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाई जा रही है. इस दौरान इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था.इनमें से 27 डॉक्टरों के जवाब से स्वास्थ्य विभाग संतुष्ट नहीं हुआ.  वहीं अन्य 49 डॉक्टरों को निंदन की सजा और वेतन वृद्धि रोकने का प्रस्ताव है. 

डॉक्टरों के कुल 4995 पद स्वीकृत, इनमें 2296 खाली

राज्य में लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी हुई हैं.  डॉक्टरों के कुल 4995 पद स्वीकृत हैं, इनमें 2296 पद खाली हैं.  ग्रामीण क्षेत्रों में तो डॉक्टरों की भारी कमी है. स्वास्थ्य विभाग ने जिलों से सूची मंगाई तो पता चला कि कई डॉक्टर ऐसे हैं, जो सरकारी फाइलों में तो तैनात हैं, लेकिन वे लंबे समय से अस्पताल आए ही नहीं.  इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे डॉक्टरों की सूची मंगाई तो 70 से अधिक नाम आए.  इसके अलावा कई डॉक्टर भ्रष्टाचार में भी लिप्त पाए गए.