रांची(RANCHI): बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान सतरंग का दस्तक हो सकता है. बंगाल और उड़ीसा सरकार ने तूफान के खतरे को देखते हुए तटवर्ती क्षेत्रों से लोगों को हटाने का काम पूर्व में ही शुरू कर दिया है. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले सप्ताह उड़ीसा में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. सीतरंग तूफान के असर से यह भी संभावना बनी है कि यह चक्रवात उड़ीसा के करीब से होते हुए पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की ओर मुड़ सकता है, हर बार की तरह इस बार तूफानों को नाम देने की परंपरा के अनुसार थाईलैंड की बारी थी और उसने इसका नाम सीतरंग दिया है. संभावित खतरे को देखते हुए उड़ीसा बंगाल सरकार ने कई जिलों के निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित भेजने का काम शुरू कर दिया है.

चक्रवाती तूफान सीतरंग के रविवार को देर रात तक पर पहुंचने की आशंका

मौसम विभाग के द्वारा शुक्रवार को जारी पूर्वानुमान के मुताबिक दीपावली के दिन बंगाल में बारिश होने की संभावना है. चक्रवाती तूफान सीतरंग के रविवार को देर रात तक पर पहुंचने की आशंका जताई गई है. पूर्वानुमान के मुताबिक झारखंड में 25 से 27 अक्टूबर तक फिर से बारिश होने की संभावना है. चक्रवाती तूफान 25 अक्टूबर तक पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश पहुंचेगा.

बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान की संभावना

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बंगाल की पूर्व मध्य खाड़ी के ऊपर बना डिप्रेशन उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ गया है. यह एक डिप्रेशन में बदल गया है और पोर्ट ब्लेयर से लगभग 580 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में सागर द्वीप से 700 किलोमीटर दक्षिण में और बारिश चल बांग्लादेश से 830 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित हो गया है. भारत मौसम विज्ञान के मुताबिक अगले 12 घंटे के दौरान उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने और मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवर्ती तूफान में बदलने की संभावना जताई गई है.

तापमान में गिरावट होने से बढ़ सकती है ठंड 

झारखंड में 24 अक्टूबर से मौसम का मिजाज बदलने वाला है. आकाश में बादल छाए रहने की भी संभावना जताई गई है. बारिश का भी पूर्वानुमान है. अगर बारिश होती है तो अधिकतम तापमान में भी गिरावट होने की संभावना जताई गई है. अधिकतम और न्यूनतम तापमान का अंतर कम होने पर ठंड का एहसास ज्यादा होने लगेगा और मौसम में भी बदलाव होने की संभावना है.

साइक्लोन का असर बिहार झारखंड में दिख सकता है

बंगाल की खाड़ी में आए सीतरंग साइक्लोन का असर बिहार झारखंड में दिख सकता है. तेज हवाओं के साथ बारिश की पूरी संभावना बनी रहती है. ऐसे में झारखंड बिहार के किसानों को फसल की चिंता भी सताने लगी है. धान की फसल लगभग खेतों में तैयार है. इस महीने में फसल का पकने का समय होता है और कुछ ही दिनों में कटने का भी समय हो जाता है, अगर तूफान का असर ज्यादा दिखेगा तो फसलों की तबाही की भी संभावनाएं बनी हुई है.