धनबाद(DHANBAD): 16 00 करोड़ कोयला चोरी के मामले में झारखंड की 23 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. कुछ का लाइसेंस निलंबित हो गया है और कईयों की जांच चल रही है. कार्रवाई की जद में केवल धनबाद ही नहीं ,बल्कि रांची, रामगढ़, बोकारो, चास की भी कंपनियां आई है. इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कागजी कंपनियां कैसे चोरी के कोयले का ई वे बिल यानी परमिट निकाल कर दूसरे राज्यों में चोरी का कोयला भेजती है. यह एक बहुत बड़ा घोटाला हो सकता है. जांच अभी बहुत ही शुरुआती दौर में है. इसमें बड़े-बड़े "मगरमच्छ" भी शामिल हो सकते हैं. हालांकि कोयलांचल में ढंग- तरीका बदलकर यह काम चलता रहा है. लिंकेज की जब व्यवस्था थी तो धनबाद की कोलियारियों से जम्मू कश्मीर तक कोयला कागज पर ही सही, लेकिन भेजा जाता था. लिंकेज की व्यवस्था जब लागू थी तो अस्तित्वविहीन उद्योगों के नाम पर कोयले का उठाव कर खुले बाजार में इसे बेचा जाता था.
भैंस के तबेले के पते पर उठता था कोयला
नियम यह था कि संबंधित राज्य सरकार का उद्योग विभाग ,उद्योगों की जांच के बाद प्रमाण पत्र देगा कि उद्योग को इतना टर्न अथवा इतना मीट्रिक टन तक कोयले की जरूरत है. उसी आधार पर कोयला कंपनियां लिंकेज का कोयला उन्हें आवंटित करती थी. जब इसकी जांच हुई तो पता चला कि जिस पते पर कोयले का आवंटन दिया जा रहा है, वहां तो भैंस का तबेला चल रहा है. उस वक्त धनबाद के एसपी अनिल पलटा हुआ करते थे. उन्होंने इस मामले में कई खुलासे किए थे. अब नियम बदल गया है. लेकिन खेल जारी है. फिलहाल जो मामले पकड़ में आए हैं ,उनको आधार बनाकर बड़े दायरे में जांच शुरू हो तो कई "मगरमच्छों" की गर्दन फस सकती है. सूत्रों पर भरोसा करें तो धनबाद में संचालित कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियां भी इसमें शामिल है. इसके अलावा यहां के कोयला तस्कर अवैध खनन करवाकर चोरी के कोयले को परमिट के माध्यम से बाहर भेज रहे है.
आउटसोर्सिंग कंपनियां भी है इसमें शामिल
सूत्र बताते हैं कि आउटसोर्सिंग कंपनियां तय सीमा से अधिक कोयला खनन करा कर उसे चुपके चोरी बाहर भेज देती है. वही कोयला तस्कर भी जगह जगह अवैध उत्खनन कर इकट्ठा किए गए कोयले को कागजी कंपनियों के परमिट पर बाहर भेज देते है. इस खेल में पूरा का पूरा एक नेटवर्क शामिल है. इस नेटवर्क को ध्वस्त करना बहुत आसान तो नहीं है लेकिन असंभव भी नहीं है. जानकारी के अनुसार धंधे में शामिल कागजी कंपनियां गरीब लोगों को कुछ पैसे की लालच देकर उनका आधार की फोटो कॉपी और उनका फोटो खरीद लेती है और फिर कागजी कंपनी बनाकर खेल शुरू कर देते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

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