टीएनपी डेस्क (TNP DESK): 15 नवंबर 2025 को झारखंड राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे हो जाएँगे. इन ढाई दशकों के सफर में झारखंड ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन साथ ही कई नई ऊंचाइयां भी हासिल कीं. राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, खेल और तकनीकी विकास जैसे क्षेत्रों में लगातार प्रगति की है. खासकर शिक्षा व्यवस्था में जो बदलाव और सुधार देखने को मिले हैं, वे झारखंड के सुनहरे भविष्य की झलक दिखाते हैं.
राज्य गठन के शुरुआती वर्षों में शिक्षा के बुनियादी ढांचे की स्थिति कमजोर थी. ग्रामीण इलाकों में स्कूलों की संख्या सीमित थी और उच्च शिक्षा संस्थानों की पहुंच बेहद कम थी. लेकिन धीरे-धीरे सरकार और शैक्षणिक संस्थानों के संयुक्त प्रयास से झारखंड ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किया है. आज राज्य में शिक्षा का स्तर पहले से काफी बेहतर हुआ है और इसमें विश्वविद्यालयों तथा तकनीकी संस्थानों का बड़ा योगदान रहा है.
पिछले कुछ वर्षों में झारखंड सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. नई शिक्षा नीति के अनुरूप राज्य में स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. वर्तमान में राज्य में कुल 33 विश्वविद्यालय कार्यरत हैं, जिनमें 1 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 12 राज्य विश्वविद्यालय, 18 निजी विश्वविद्यालय और 2 डीम्ड विश्वविद्यालय शामिल हैं. इसके अलावा, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी यहां शिक्षा की गुणवत्ता को नई दिशा दे रहे हैं.
राज्य विश्वविद्यालयों का नेटवर्क
झारखंड के राज्य विश्वविद्यालयों ने शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इनमें रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय और नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं. इन विश्वविद्यालयों ने न केवल सामान्य शिक्षा को बढ़ावा दिया है बल्कि तकनीकी, कृषि और विधिक शिक्षा के क्षेत्र में भी नई संभावनाओं को जन्म दिया है.
राज्य में निजी विश्वविद्यालयों का योगदान भी कम नहीं रहा है. एमिटी यूनिवर्सिटी, अर्का जैन यूनिवर्सिटी, सरला बिड़ला यूनिवर्सिटी, राधा गोविंद यूनिवर्सिटी, साईं नाथ यूनिवर्सिटी और उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आधुनिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को रोजगारोन्मुख शिक्षा प्रदान की है. इन संस्थानों के कारण राज्य में स्किल डेवलपमेंट, डिजिटल एजुकेशन और प्रोफेशनल ट्रेनिंग के अवसर बढ़े हैं.
झारखंड सरकार अब शिक्षा को उद्योग से जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रही है. राज्य में स्किल यूनिवर्सिटी और फिनटेक यूनिवर्सिटी खोलने की योजना बनाई जा रही है, ताकि युवाओं को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण के साथ रोजगार के अवसर मिल सकें. इसके अलावा, आईटीआई संस्थानों और पॉलिटेक्निक कॉलेजों का नेटवर्क भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीण इलाकों के छात्रों को तकनीकी शिक्षा सुलभ हो रही है.
महिलाओं की शिक्षा में सुधार
पिछले 25 वर्षों में झारखंड में महिला शिक्षा दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. आज राज्य की बेटियां विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, खेल और प्रशासनिक सेवाओं में अपनी सफलता की कहानी लिख रही हैं. झारखंड महिला विश्वविद्यालय और कई अन्य संस्थानों ने महिला शिक्षा को सशक्त करने में बड़ी भूमिका निभाई है.
25 साल के इस सफर में झारखंड ने शिक्षा को अपनी प्रगति की नींव बनाया है. जहां पहले शिक्षा के संसाधन सीमित थे, वहीं आज राज्य के हर जिले में विश्वविद्यालय, कॉलेज और आधुनिक विद्यालय मौजूद हैं. यह उपलब्धि केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज, शिक्षकों, विद्यार्थियों और संस्थानों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है.

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