TNP DESK: इजऱाइल और ईरान के बीच जंग जारी है. दोनों ओर से एक दूसरे पर मिसाइल अटैक किया जा रहा है. इस बीच अब ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्‍ला अली खामेनेई का बयान वायरल हो रहा है. जिसमें वह किसी भी कीमत पर किसी के दबाव में झुकने को तैयार नहीं है. साथ ही इमाम हुसैन के उसूल पर डटे रहने की बात हो जो दिया है. यह बात ऐसे समय में बोली है जब खामेनेई को मारने की बात खुद अमेरिका बोल रहा है. अब यह साफ़ हो गया है कि ईरान किसी भी कीमत पर अब पीछे हटने को तैयार नहीं है.

खामेनेई का बयान क्या है, यह भी बताते है. उन्होंने अपने एक स्पीच में कहा कि मेरे शरीर का कोई मोल नहीं है! मेरी जान का कोई महत्व नहीं है!
अगर वे मुझे मार भी दें, तो इसे हमारा नुकसान मत समझना! हम इस युद्ध को जीत रहे हैं! जब तक हम तानाशाहों, सत्ता और लालच के आगे नहीं झुकते,
जब तक हम इमाम हुसैन के आदर्शों और सिद्धांतों को कायम रखते हैं"

बता दें कि इजऱाइल और ईरान के बीच युद्ध का 8वां दिन है. इसकी शुरुआत 13 जून 2025 को हुई.जब इज़राइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमला कर दिया. इज़राइल ने लगभग 200 फाइटर जेट्स और ड्रोन्स का उपयोग कर तेहरान, इस्फहान और मशहद जैसे शहरों में ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम, बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर, और सैन्य नेतृत्व को निशाना बनाया.इन हमलों में ईरान के सेना प्रमुख, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर, और कई परमाणु वैज्ञानिक मारे गए. इज़राइल का दावा था कि यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने और क्षेत्रीय खतरों को कम करने के लिए आवश्यक था, क्योंकि उसे आशंका थी कि ईरान परमाणु हथियार विकसित कर रहा है.

जवाब में, ईरान ने उसी रात (13 जून 2025) को “ऑपरेशन सीवियर पनिशमेंट” के तहत इज़राइल पर 100 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जो तेल अवीव, यरुशलम, और अन्य शहरों पर गिरीं.ईरान ने इसे इज़राइल के हमलों, विशेष रूप से नातान्ज़ परमाणु स्थल पर हुए हमले और अपने सैन्य कमांडरों की हत्या का बदला बताया.हालांकि, इज़राइल की वायु रक्षा प्रणाली ने कई मिसाइलों को रोक लिया, लेकिन कुछ मिसाइलों ने रिहायशी क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया.