चाईबासा (CHAIBASA) : पश्चिमी सिंहभूम जिले के अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र में पड़ने वाले गुदड़ी थाना में सुबह छह से सात बजे के बीच सीआरपीएफ 60 बटालियन और चाईबासा पुलिस के द्वारा नक्सलियों की खोज में गुदड़ी थाना क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था. इसी सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों की मुठभेड़ दो लाख के ईनामी पीएलएफआई नक्सली सह एरिया कमांडर मंगरा लुगून दस्ता के साथ हो गई. इस मुठभेड़ में पीएलएफआई के एरिया कमांडर मंगरा लुगुन के मारे जाने की खबर है. हालांकि, क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है.

पुलिस द्वारा आधिकारिक पुष्टि का इंतजार

इस संबंध में एसपी अजय लिंडा ने बताया कि गोईलकेरा थाना अन्तर्गत लेपा, रेड़दा क्षेत्र के जंगल में मंगरा लुगुन रहता था. वहां गुरुवार की सुबह पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के बाद एक नक्सली का शव, हथियार, पिट्ठू आदि सामान बरामद किया गया है. शव की पहचान की जा रही है. पहचान के बाद ही कहा जा सकता है कि शव किस नक्सली का है. उन्होंने कहा कि मंगरा लुगुन दहशत का पर्याय था. नवंबर में दिनेश गोप दस्ते के साथ प्लॉइके की दो बार मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 26 नवम्बर की मुठभेड़ के बाद दिनेश गोप गुदड़ी के जंगलों में भाग निकला था, लेकिन मंगरा लुगुन छोटी टीम के साथ इसी जंगल में रूक गया था. उन्होंने कहा कि शव की शिनाख्त के बाद कहा जा सकेगा कि मारा गया नक्सली मंगरा लुगुन ही है या कोई दूसरा, लेकिन एक नक्सली का शव बरामद किया गया है. हालांकि, सूत्रों के अनुसार पुलिस नक्सली कमांडर मंगरा लुगुन का शव जंगल से लेकर आ रही है. मंगरा लुगुन के साथ आधा दर्जन नक्सली रहते हैं और मंगरा स्वयं एके-47 राइफल लेकर चलता है. वह गोइलकेरा थाना क्षेत्र के सारुगाड़ा जंगल में पिछले कुछ दिनों से निरंतर सक्रिय था. उसका मुख्य उद्देश्य विकास योजनाओं को करने वाले ठेकेदारों, हब्बा-डब्बा जैसे जुआ खेल कराने वाले संचालकों, बालू घाट संचालकों आदि को डरा-धमका कर लेवी वसूलना था.