सरायकेला (SARAIKELA) - करीब तीन-चार महीनों की शिथिलता के बाद देश में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी हैं. ऐसे में देश के कई राज्यों में आये दिन कोरोना संक्रमित लोग मिल रहे हैं. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार भी जनता से लगातार कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करने की अपील कर रही हैं. वहीं ओमीक्रोन का साथ पाकर कोरोना ने भी अपनी गति बढ़ा ली है. बीते एक दो सप्ताह से देश के कई हिस्सों में कोरोनो में काफी वृद्धि देखी जा रही है. लेकिन इसके बावजूद सरायकेला जिला के लोग बेखौफ हो कर कोरोना गाइडलाइन्स की धज्जियां उड़ा रहे हैं. बता दें कि जिला में लोगों के बीच कोरोना की तीसरी लहर का खौफ देखने को नहीं मिल रहा हैं. यहां के सड़कों पर लोग बगैर मास्क लगाए नज़र आ रहे हैं. वही सब्जी बाज़ारों में भारी संख्या में लोग सब्जी की खरीद बिक्री करते हुए नज़र आ रहे हैं. बाजार में न तो किसी के चेहरों पर मास्क देख रहा और न की कोई सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करते नज़र आ रहे हैं.
बेफिक्र जनता
झारखंड की बात करें तो यहां भी लगभग दर्जनभर जिले में कोरोना ने न सिर्फ दस्तक दे दी है बल्कि रफ्तार भी पकड़ लिया. सरायकेला जिले में भी चार महीनों के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है और अब तक यहां सक्रिय मरीजों की संख्या 5 हो गई है. जबकि पड़ोसी जिले जमशेदपुर और चाईबासा में कोरोना के मामले में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. विशेषज्ञ इसे कोरोना के तीसरी लहर की आशंका मान रहे हैं. पूरी स्थिति के बीच सरायकेला की जनता और प्रशासन कोरोना के संभावित खतरे से बेफिक्र होकर मानो लापरवाह ही नजर आ रहा है. सरायकेला के हाट में उमड़ी भीड़ को देख तो ऐसा ही लगता है. इस हाट में आज हर तरफ ठसम ठस भीड़ दिखी और मास्क लगाए गिने-चुने लोग ही दिखे. बिना कोरोना गाइडलाइन का पालन किए लोग खरीद बिक्री करते दिखे. हाट में पुलिस भी थी। लेकिन वे सब मुख्य सड़क जाम ना हो इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने में प्रयासरत दिखे. ऐसा लग रहा था मानो किसी को कोरोना से न भय है न चिंता. आज के दिन यह तस्वीर बेहद चिंताजनक और परेशानी पैदा करने वाली है. जहां दिनों दिन कोरोना इतनी तेजी से फैल रहा है और तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है. ऐसे में इस तरह की बेपरवाही न जनता के स्तर से उचित है ना ही प्रशासन के स्तर से. ऐसे में न्यूज़ पोस्ट की लोगों से अपील है कि न सिर्फ जनता कोरोना के तीसरी लहर की संभावित आशंका के बीच कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए पूर्व की भांति संजीदा बने. बल्कि प्रशासन को भी पूर्व के प्रयासों की तरह ही लोगों को जागरूक करने और उनसे कोरोना गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करवाने के लिए सख्त कदम उठाने और प्रयास करने की आवश्यकता है. वरना ऐसा ना हो हमारी यह गलती बड़ी गलती साबित हो जाए और हमारे पास पछताने के सिवा कुछ ना बचे.
रिपोर्ट : विकास कुमार, सरायकेला
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