धनबाद (DHANBAD) : लीक से हटकर  काम करने वाले साहसी, बहादुर पुलिस अधीक्षक रणधीर वर्मा की शहादत के आज 30 साल बीत गए.  लेकिन उनकी शहादत और उनकी वीरता आज भी कोयलांचल के लोगों के दिलो-दिमाग पर राज कर रही है.  पंजाब के भगोड़े आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले धनबाद के जांबाज पुलिस अधीक्षक रणधीर वर्मा देखने में जितनी ही कठोर थे, दिल से उतने ही मुलायम. किसी का भी दिल जीतने में उन्हें महारथ हासिल थी.  धनबाद में जब उनकी पदस्थापना हुई थी, उस समय धनबाद का माहौल बहुत ही खराब था.

पुलिस- पत्रकारों के बीच चल रही थी लड़ाई

पुलिस- पत्रकारों के बीच लड़ाई थी.  पुलिस के प्रति जनता की सहानुभूति भी खत्म हो चली थी. लेकिन रणधीर वर्मा ने सारी समस्याओं को एक -एक कर सजगता और संवेदनशीलता के साथ सुलझा लिया और लोगों के प्रिय पात्र बन गए.  3 जनवरी 1991 का वह मनहूस दिन जब रणधीर वर्मा एसपी कोठी से निकलकर कार्यालय कक्ष में बैठे ही थे कि सूचना मिली कि हीरापुर के बैंक ऑफ इंडिया में डाका पड़ गया है. आदतन भारी भरकम सुरक्षा लिए बगैर बैंक परिसर में दाखिल हो गए.  उस समय किसी को भी नहीं मालूम था कि डकैत के रूप में जो बैंक में दाखिल हुए हैं, वह पंजाब के भगोड़े आतंकवादी हैं.  एसपी को देखते ही आतंकवादियों ने एके-47 से फायर झोंक दी लेकिन रणधीर वर्मा कहां हिम्मत हारने वाले थे.

फायर का जवाब फायर से दिया 

रणधीर वर्मा ने अपने बॉडीगार्ड की पिस्टल से फायर का जवाब फायर से देना शुरू किया.  इसी क्रम में एक आतंकवादी ढेर हो गया. रणधीर वर्मा भी शहीद हो गए.  भगोड़े आतंकवादी  जान बचाने के लिए बैंक की छत से कूद कर भागे. उस समय हम उम्र के लोगों ने पहली बार पुलिस लाइन की पगली घंटी बजते सुना और जवान जिस हालत में जैसे थे, घटनास्थल पर पहुंच गए.  कड़ी मेहनत के बाद भगोड़े आतंकवादियों को काबू में किया जा सका.  धनबाद के लोगों ने पहली बार एके-47 देखा था.  उस समय धनबाद के डीसी थे अफजल अमानुल्लाह जबकि एडिशनल एसपी थे रेजी डुगडुग.

चार दफे सांसद रही प्रोफेसर रीता वर्मा

धनबाद के लोग रणधीर वर्मा को कभी नहीं भुला पाएंगे. रणधीर वर्मा की शहादत के बाद उनकी पत्नी प्रोफेसर रीता वर्मा धनबाद से चुनाव लड़ी और चार बार सांसद रहीं.  कोयला राज्य मंत्री भी बनी. हर साल आज के दिन श्रद्धांजलि सभा होती थी लेकिन कोरोना के कारण  इस साल केवल श्रद्धांजलि का कार्यक्रम रखा गया था. श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर रीता वर्मा, सांसद पीएन सिंह, विधायक राज सिन्हा, भाजपा नेत्री रागनी सिंह, धनबाद के उपायुक्त संदीप सिंह, एसएसपी संजीव कुमार शामिल हैं.