पलामू (PALAMU) : पलामू के किसान के खेतों में अब लाल लाल सेब उगने लगेंगे. गर्मियों का सेब कहा जाने वाला सेब का हरिमन 99 प्रभेद के लिए पलामू की मिट्टी और जलवायु उपयुक्त मानी जा रही है. पलामू के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी के वैज्ञानिकों द्वारा तकनीकी सलाह के बाद जिले के अलग-अलग स्थानों पर कुछ पौधों से ट्रायल के बाद जोरकट गांव में सेब की खेती प्रारंभ की गयी है.
यहां शुरू हुई खेती
रांची-डालटनगंज मुख्य मार्ग पर स्थित जोरकट गांव में सेब की व्यवसायिक खेती की बुनियाद प्राइवेट इन्वेस्टर्स उमेश अग्रवाल, अखिलेश अग्रवाल व अजय अग्रवाल द्वारा रखी गई. प्रमंडलीय आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने सेब के हरिमन 99 प्रभेद का पौधा लगाकर पलामू में सेब की व्यवसायिक खेती की विधिवत शुरूआत की. क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार सिंह के तकनीकी सलाह से पलामू में सेब की खेती की जा रही है. मौके पर आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने कहा कि पलामू के लिए सुखद बात है कि प्राइवेट इन्वेस्टर्स यहां कमर्शियल खेती करना प्रारंभ किया है. उन्होंने कहा कि वे शुरू से इसकी हिमायती रहे हैं कि सिर्फ किसानों के भरोसे व्यवसायिक खेती को नहीं छोड़ा जाए. प्राइवेट इन्वेस्टर्स को कृषि के क्षेत्र में कदम बढ़ाने से बेहतर सफलता मिलेगी. इससे अन्य किसान एवं प्राइवेट इन्वेस्टर्स भी प्रेरित होंगे. उन्होंने कहा कि पलामू में सेब का पौधा लगाया जाना अच्छी बात है. जब प्राइवेट इन्वेस्टर्स कृषि कार्य में बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश करेंगे, तो नगदी फसल को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और पलामू का यह क्षेत्र कृषि के लिए हब के रूप में विकसित हो पाएगा.
वैज्ञानिक मार्गदर्शन
क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि उनके मार्गदर्शन में यहां सेब की खेती की जा रही है. हरिमन 99 का पौधा यहां के जलवायु के लिए उपयुक्त है. इस प्रभेद का पौधा 45 से 50 डिग्री तापमान पर भी फल देते हैं. इसके स्वाद तथा रंग में कोई अंतर नहीं होती. ठंडे प्रदेशों जैसा ही फल आता है. उन्होंने कहा कि हरिमन 99 पौधे लगाने का दिसंबर से जनवरी का महीना उपयुक्त है. यह ग्राफ्टेड पौधा लगाया जा रहा है, जो दो से ढाई साल में ही फल देना प्रारंभ कर देगा. उन्होंने कहा कि पलामू के किसान अगर टिश्यू कल्चर के पौधे लगाते हैं, तो वह डेढ़ साल में ही फल देना प्रारंभ करेगा.
दस एकड़ में कर रहे हैं खेती
सेब की खेती कर रहे अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि उनके परिवार द्वारा एक ही स्थान पर करीब एक एकड़ भूमि पर सेब की खेती की जा रही. उनके द्वारा हिमाचल से सेब के 100 पौधे मंगाये गये हैं. इसमें अच्छी आमदनी की उम्मीद है, इसे विस्तारित भी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि करीब 9 एकड़ की भूमि के अधिकांश भाग में उन्होंंने फलदार पौधे की खेती कर रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से टिश्यू कल्चर वर्मा टी, थाई वैरायटी का अमरूद, केसर आम, नागपुरी संतरा, मौसंबी, टिश्यू कल्चर नींबू एवं टिश्यू कल्चर बांस के पौधे लगाए हैं. अमरूद में फल भी आने लगे हैं. उन्होंने कहा कि फलदार पौधों की सफलता को देखते हुए ही उन्होंने सेब की खेती को मन बनाया है. अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि उनके द्वारा एक मल्टीपरपस कोल्ड स्टोरेज का भी निर्माण कराया जा रहा है. यह कार्य प्रक्रिया में है. इसे बन जाने से पलामू में उत्पादित फलों एवं सब्जियों को रखने में सहुलियत होगी.
रिपोर्ट : समीर हुसैन (रांची डेस्क )
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