धनबाद(DHANBAD): कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया की सबसे बड़ी सहायक कंपनी बीसीसीएल की 46.5 करोड रुपए के शेयर  बेचे जाएंगे.  बिक्री से मिलने वाली पूरी रकम कोल इंडिया के पास चली जाएगी.  यहां बताना जरूरी है कि बीसीसीएल देश के उच्च गुणवत्ता के  कोकिंग कोल का खनन और आपूर्ति करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है.  इस कंपनी को स्टील उद्योग की रीढ़  माना जाता है.  बता दे कि  बीसीसीएल को पब्लिक इशू  लाने की मंजूरी मिल गई ही. 

 सेबी ने 18 एवं 19 सितंबर को हरी  झंडी दे दी है.  बीसीसीएल का आने वाला आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल होगा.  आईपीओ लॉन्चिंग से पहले बीसीसीएल देश और विदेश में रोड शो कर रही है, ताकि निवेशकों को आकर्षित किया जा सके.  बीसीसीएल मैनेजमेंट को उम्मीद है कि आईपीओ का अच्छा रिस्पांस मिलेगा.  

बता दे कि  शेयर बेचने का मजदूर संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं, बावजूद प्रयास जारी है.  कोल इंडिया की कई कंपनियों  में शेयर बेचने की तैयारी है.  फिलहाल बीसीसीएल को आईपीओ लाने की हरी झंडी मिलने की सूचना प्राप्त हुई है. उल्लेखनीय है कि कोल इंडिया की सात कोयला उत्पादन करने वाली सब्सिडियरी कंपनियां है.  इनके अलावा एक सब्सिडियरी टेक्निकल कंसल्टेंसी के लिए है.  भारत में 80% कोयला उत्पादन कोल इंडिया की सब्सिडियरी कंपनियां ही करती है.  

 कोल इंडिया भारत के अलावा दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में क्रिटिकल मिनरल के खनन पर काम कर रही है.  इसके अलावा कोल गैसीफिकेशन के तीन प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है.  कोल इंडिया ओडिशा में 1600 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है.  इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है.  इस पर लगभग 16,000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है.  इसी तरह का प्रोजेक्ट डीवीसी के साथ भी चल रहा है.  करीब 17,000 करोड़ रुपये लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लिए कोल इंडिया और डीवीसी में 50:50 मालिकाना का ज्वाइंट वेंचर तय हुआ है.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो