चाईबासा: ओडिशा के क्योंझर जिले की पुलिस ने टाउन थाना क्षेत्र में डकैती का षड्यंत्र रच रहे ‘महाकाल गिरोह’ के नौ अपराधियों को गिरफ्तार किया है. शुक्रवार को पुलिस ने सभी को स्थानीय न्यायालय में पेश किया. न्यायालय के आदेश पर सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
झारखंड और उड़ीसा में था आतंक
गिरफ्तार आरोपितों में ओडिशा के मयूरभंज जिले के घाघरबेड़ा थाना के चेलियानल निवासी गणेश उर्फ विश्वजीत गिरी, क्योंझर जिले के बारिया थाना क्षेत्र के नंदापुर निवासी प्रियदर्शन प्रधान, क्योंझर जिले के जोड़ा थाना क्षेत्र के डिपु हटिंग निवासी निर्मल प्रधान, क्योंझर जिले के बड़बिल थाना क्षेत्र के ठाकुरानी निवासी रंजन पलाई, जोड़ा थाना क्षेत्र के कुंदरनाली निवासी बिनोद मुंडा, जोड़ा थाना क्षेत्र के जाहिरा हटिंग निवासी रोहित नायक, जोड़ा थाना क्षेत्र के माजही हटिंग निवासी मोहम्मद जीशान, मयूरभंज जिले के रारुआन थाना क्षेत्र के उत्तरपासी निवासी सुभासिस गिरी और झारखंड राज्य के पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के गोबरगांव निवासी परशुराम प्रधान शामिल हैं.
आरक्षी अधीक्षक नितिन कुशालकर ने दी जानकारी
आरक्षी अधीक्षक नितिन कुशालकर ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि सभी आरोपित एक मंदिर के निकट खाली मकान में डकैती का षड्यंत्र रच रहे थे. गश्ती के दौरान सूचना मिली तो पुलिस ने मौके पर छापेमारी की. इस दौरान आरोपितों ने पुलिस पर गोलीबारी की, लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया.
अपराधियों से भारी मात्रा में कारतूस और हथियार बरामद
पुलिस ने मौके से पांच पिस्तौल, सात मैगजीन, 25 कारतूस, चार खोखे, एक महिंद्रा थार, दो तलवार, दो चाकू, एक लोहे की सरिया और अन्य आपत्तिजनक सामान जब्त किया है.
गैंग पर तीन दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज
आरक्षी अधीक्षक नितिन कुशालकर के अनुसार, गिरफ्तार आरोपितों के खिलाफ क्योंझर और मयूरभंज जिले के साथ-साथ झारखंड के विभिन्न थानों में भी 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से कुछ आरोपित हाल ही में हुई डकैती की घटनाओं में भी शामिल रहे हैं. पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यह गिरोह इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहकर खुद को ‘महाकाल गैंग’ के नाम से प्रचारित करता रहा है.

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