धनबाद (DHANBAD) : सूत्र बता रहे हैं कि घाटशिला उपचुनाव में कांग्रेस नेता प्रदीप बालमुचू को झटका लग सकता है. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपाई सोरेन को भी जोर  का झटका, धीरे से लग सकता है. प्रदीप बलमुचू भी घाटशिला सीट पर कांग्रेस कोटे से उम्मीदवारी का अप्रत्यक्ष दावा कर रहे थे, लेकिन अब उनके दावे की हवा निकल रही है. क्योंकि सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने कह दिया है कि वह घाटशिला उपचुनाव में झामुमो  का सपोर्ट करेगी. यह बात अलग है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई  सोरेन अपने बेटे को टिकट दिलाने के प्रयास में है, लेकिन भाजपा नेताओं की चुपी  उन्हें परेशान कर रही है. 

रामदास सोरेन के निधन के बाद होने जा रहा उपचुनाव 
 
2024 के विधानसभा चुनाव में उनके बेटे बाबूलाल सोरेन चुनाव हार गए थे. रामदास सोरेन झामुमो  के टिकट पर चुनाव जीते थे. रामदास सोरेन का निधन 15 अगस्त को हो गया, जिस वजह से यहां उपचुनाव  हो रहा है. फिलहाल  कोल्हान में अपना पैर जमाना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है और भाजपा के बड़े  आदिवासी नेताओं में भी भीतर ही भीतर खींचतान चल रही है.  ऐसे में चंपाई  सोरेन के पुत्र को टिकट मिलेगा, इसमें संदेह व्यक्त किया जा रहा है.  यह बात अलग है कि अगर चंपाई सोरेन अपने बेटे को घाटशिला से टिकट नहीं दिला सके, तो यह उनकी बड़ी राजनीतिक हार होगी. 

2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को कोल्हान में लगा था झटका 

वैसे 2024 के विधानसभा चुनाव में वह सिर्फ अपनी सीट ही बचा पाए थे. भाजपा का कोल्हान में  सुपड़ा साफ हो गया था. भाजपा ने जो सोचकर चंपाई  सोरेन को पार्टी में शामिल कराई थी, वह सफल नहीं हुआ. उनके साथ झामुमो  के कोई नेता भी नहीं गए.  चंपाई  सोरेन और लोबिन  हेंब्रम भाजपा में शामिल हुए. लोबिन हेम्ब्रम  चुनाव हार गए. बता दें कि झामुमो  के लिए घाटशिला उपचुनाव विशेष इसलिए है कि 2024 में सरकार बनने के बाद यह पहला उपचुनाव होने जा रहा है और इसके परिणाम कई मायनो में महत्वपूर्ण होंगे. झारखंड का घाटशिला उपचुनाव को लेकर सक्रियता तेज होने लगी है. उपचुनाव में बहुत अधिक वक्त नहीं है. राजनीतिक दल भी इस उपचुनाव को लेकर सक्रिय है. 

उम्मीदवारी को लेकर कई कयास और संदेह 

इस बीच यह उपचुनाव पार्टी उम्मीदवारों को लेकर कई तरह का संदेह भी पैदा कर रहा है. कुछ के घर वापसी के संकेत मिल रहे हैं, तो कुछ के पाला बदलने के भी संकेत दिख रहे है. इस सीट पर भाजपा और झामुमो का मुकाबला होता है. इस वजह से अब इस बात का आकलन शुरू हो गया है कि किस दल से कौन उम्मीदवार होगा? अचानक कुछ ऐसी गतिविधियां बढ़ी है, जो पहेली  बनकर उभरी है. भाजपा फिर कोल्हान टाइगर चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को ही उम्मीदवार बनाएगी या कैंडिडेट बदलेगी, इसकी भी चर्चा होनी शुरू हो गई है. झामुमो की ओर से तो लगभग साफ है कि दिवंगत रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन को टिकट मिलेगा. 

 रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो