रांची(RANCHI): बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए छात्रों को प्रभावी परीक्षा की तैयारी में सहयोग करने, उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने और परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए 11 फरवरी को राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा सुबह 10 से 11:30 बजे तक ऑनलाइन प्रेरणात्मक वेबिनार "How's the Josh!! Unlock Your Potential: Excel in Boards and Beyond" का आयोजन किया गया. इस वेबिनार में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव उमाशंकर सिंह, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के प्रशासी पदाधिकारी सचिदानंद दि. तिग्गा, रांची के जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज, SDEO अभिषेक झा, शैक्षणिक सलाहकार मनोहर लाल, विद्यालय प्रबंधक डॉ. अशोक कुमार, शुभेंदु मजूमदार, महेंद्र प्रताप सिंह के साथ सभी सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के प्राचार्य/प्रभारी प्राचार्य, शिक्षक और छात्र शामिल हुए.

परीक्षा देने जा रहे बच्चों पर अनावश्यक दबाव ना बनाये

वेबिनार को संबोधित करते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव उमाशंकर सिंह ने छात्रों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए.  उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से कहा कि परीक्षा देने जा रहे बच्चों पर अनावश्यक दबाव ना बनाये. शिक्षक बच्चो को वर्गीकृत कर उन्हें तैयारी में सहयोग करें. कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान दें. सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा कि परीक्षा की तैयारियों में जो भी शिक्षक, उच्च स्तरीय अधिकारी लापरवाही बरतेंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि, यह पहला वर्ष होगा जब सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के बच्चे सीबीएससी की बोर्ड परीक्षा देंगे. ऐसे में प्रथम, द्वितीय या तृत्य स्थान मायने नहीं रखता है, सफलता मायने रखती है. हमारा प्रयास होना चाहिए कि बोर्ड परीक्षा में बैठने वाला कोई भी छात्र अनुतीर्ण ना रहे. हमारा सर्वोच्च प्रयास यही होना चाहिए कि हम बच्चों को ऐसी तैयारी कराएं जिससे वे अनुतीर्ण ना हो. उन्होंने आज के वेबिनार की तरह एक और वेबिनार करने का सुझाव दिया, ताकि छात्रों को मोटिवेशन और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिल सके.  

छात्र की सफलता ही शिक्षक की सफलता है

वहीं, वेबिनार को संबोधित करते हुए रांची के जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज ने कहा कि महानता की कीमत ही जिम्मेदारी है. छात्र यह समझे कि बोर्ड परीक्षाएं उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. उनका भविष्य इन परीक्षा परिणामों पर निर्भर करता है. अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रहे. शिक्षकों को आपसे काफी उम्मीदें हैं. छात्र की सफलता ही शिक्षक की सफलता है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में भारत विकसित राष्ट्र तभी बनेगा जब हम सब अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे. उन्होंने 'Productive Citizenship' पर जोर दिया. बादल राज ने कहा कि कठिन कुछ नहीं है, निरंतर अभ्यास से ही सहजता आती है. कड़ी मेहनत अक्सर सफलता की कुंजी होती है. आप कितने भी प्रतिभाशाली क्यों ना हो, अगर स्थिरता और कठिन परिश्रम नहीं है, तो प्रतिभा व्यर्थ हो जाती है. उन्होंने परीक्षा को उत्सव के रूप में लेने की सलाह दी. बादल राज ने कहा कि पेपर कैसा भी गया हो, हमें निराश नहीं होना चाहिए और अगले पेपर की तैयारी में जुट जाना चाहिए.  

वहीं, SDEO अभिषेक झा ने कहा कि छात्रों ने परीक्षा के लिए जो पढ़ा है, उसपर ध्यान दें और उसे रिवाइज करते रहे, मन में कोई तनाव ना ले. परीक्षा की तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से दूर रहे और पढ़ाई से समय निकालकर प्रेरणात्मक मूवीज देखें. इससे आप सकारात्मक अनुभव करेंगे. कोई भी लक्ष्य ना मुमकिन नहीं होता है. उन्होंने दुष्यंत कुमार की कविता की पंक्ति "कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो.." के साथ अपने संबोधन का समापन किया.

शैक्षणिक सलाहकार मनोहर लाल ने कहा कि छात्र परीक्षा केंद्र में जाने से पहले केंद्र की पूरी जानकारी रखें. उसी अनुरूप समय प्रबंधन करें. एग्जाम सेंटर में केवल एडमिट कार्ड, पेन और जरूरी सामग्री लेकर जाए. अनावश्यक सामग्री ले जाने से बचें. परीक्षा से पहले कुछ नया ना पढ़े, जो पढ़ा है उसे रिवाइज करें. अधिक से अधिक लिखने का अभ्यास करें. अंतिम समय की तैयारी से बचें. उत्तर लिखने से पहले उत्तर पुस्तिका को ध्यान से पढ़े. खासकर सेट का नंबर ध्यानपूर्वक भरें. परीक्षा संपन्न होने पर अगले पेपर का रिवीजन तुरंत ना शुरू करें. कुछ समय का ब्रेक ले. अभिभावक बच्चों को मोटरसाइकिल ना दें, एग्जाम देने के लिए जा रहे हैं तो अभिभावक या तो स्वयं छोड़ने जाएं या सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करेन. जल्दबाजी में दुर्घटना से बचाव के लिए यह आवश्यक है.  परीक्षा देने से पहले माता-पिता का आशीर्वाद लें.

लक्ष्य निर्धारण और समय प्रबंधन पर मार्दर्शन देते हुए स्कूल मैनेजर शुवेंदु मजूमदार ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं छात्रों की शैक्षणिक यात्रा का महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. परीक्षा से पूर्व अपना लक्ष्य और समय प्रबंधन निर्धारित करें. छात्र स्मार्ट गोल बनाये. प्रेरणा को ऊंचा रखें. मन में आत्मविश्वास रखे, परीक्षा के दबाव को हावी ना होने दें. अंतिम समय की तैयारी से बचें, टालमटोल से बचें और ध्यान केंद्रित कर अपनी पढ़ाई करें. परीक्षा से पूर्व अधिक से अधिक मोचक टेस्ट करे. इससे लिखने का अभ्यास होगा.

स्कूल मैनेजर डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत. चुनौतियों को चुनौती देना सीखे, तनाव से बचें. परीक्षा के दौरान आत्मविश्वास बनाये रखे. आत्म विश्वास और लचीलापन से हर चुनौती को पार किया जा सकता है.  

सभी सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस में बच्चो ने देखा प्रसारण

"How's the Josh!! Unlock Your Potential: Excel in Boards and Beyond" वेबिनार का प्रसारण राज्य में संचालित सभी सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के छात्रों ने देखा. छात्रों ने विशेषज्ञों से मिले विचारों को अपने जीवन में अपनाकर परीक्षा की प्रभावी तैयारी में जुट जाने का संकल्प लिया. शिक्षा से संबंधित पदाधिकारियों से संवाद ने छात्रों में आत्मविश्वास और सकारात्मकता भरने का काम किया. यह पहली बार है जब विभागीय सचिव, विभागीय पदाधिकारियों ने छात्रों से परीक्षा से पूर्व सीधा संवाद किया और उनका मार्गदर्शन किया है. पदाधिकारियों ने छात्रों को परीक्षा के लिए शुभकामनाएं दी और उनका उत्साहवर्धन किया.