धनबाद (DHANBAD) : झारखंड से नक्सलियों के पांव  अब लगभग उखड़ गए है. या तो एनकाउंटर में मारे जा रहे हैं अथवा पुलिस के समक्ष सरेंडर कर रहे है. एक आंकड़े के मुताबिक जनवरी 2025 से लेकर अब तक झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों के साथ एनकाउंटर में हर सप्ताह एक नक्सली मारा जा रहा है. झारखंड पुलिस ने 2025 में एनकाउंटर के मामले में एक तरह से रिकॉर्ड बना लिया है. जानकारी के अनुसार इस साल 32  नक्सली एनकाउंटर में मारे गए है. डीजीपी अनुराग गुप्ता का दावा है कि जल्द ही  झारखंड में नक्सली इतिहास बन जाएंगे. 

साल 2025 नक्सलियों के लिए आफत लेकर आया है.  झारखंड पुलिस को यह सफलता इसलिए हाथ लग रही है, क्योंकि केंद्रीय बल, आईबी और झारखंड पुलिस सब ने नक्सलियों को अपना बड़ा दुश्मन माना है. यही वजह है कि झारखंड पुलिस को केंद्र और राज्य सरकार से लेकर तमाम एजेंसियों से सहयोग मिल रहा है. डीजीपी का दावा है कि इस साल के अंत तक झारखंड में नक्सली इतिहास बन जाएंगे. उन्होंने साफ संदेश दे दिया है कि बचे हुए नक्सली सरेंडर कर दें अन्यथा वह मारे जाएंगे. नक्सलियों के बीच खौफ  भी पैदा हुआ है और वह सरेंडर कर रहे है. 

इधर, सूचना के मुताबिक झारखंड में बचे शीर्ष  नक्सलियों की तलाश तेज कर दी गई है.  मिसिर  बेसरा और अनल  मांझी सहित अन्य नक्सलियों के लोकेशन की जानकारी ली जा रही है.  पुलिस इनकी  गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया है.  मिसिर  बेसरा गिरिडीह जिले के पीरटांड़  का रहने वाला है.  इस पर एक करोड़ का इनाम है. वही अनल मांझी भी गिरिडीह जिले के पीरटांड़ का ही रहने वाला है.  इस पर भी एक करोड़ का इनाम है.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो