टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : यूपी की ज्योति मौर्य का केस अभी भुला नहीं कि एक ऐसे ही मामला बिहार-झारंखड से सामने आया है. जहां बिहार का रहने वाला किसान पति अपनी पत्नी को खेती औऱ मजदूरी कर पढ़ाया-लिखा कर एएनएम बनाया, लेकिन नौकरी लगते ही पत्नी अपने तीन बच्चों के साथ परिवार को छोड़ दिया है.
जानें क्या है पूरा मामला
बिहार के गया जिले के रहने वाले बांके बाजार निवासी उमेश रजक ने खेती-किसानी और मजदूरी कर अपनी पत्नी को पढ़ाया-लिखाया और एएनएम बनाया, ताकि परिवार और बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो, लेकिन जब उसकी पत्नी एएनएम बनी तो उसने अपने पति को छोड़ दिया है. पत्नी के छोड़ देने के बाद अब उमेश रजक सिविल सर्जन को आवेदन देकर मदद की गुहार लगा रहे हैं.
बताया जाता है कि 5 जून 2002 को उमेश की शादी चतरा के हंटरगंज थाने के मायापुर गांव निवासी रेणु कुमारी से हुई थी. दोनों की तीन बेटियां हैं, परिवार की स्थिति मजबूत करने के लिए उमेश ने खेती-किसानी और मजदूरी कर अपनी पत्नी का दाखिला एएनएम कोर्स में कराया. इसके बाद उसकी पत्नी को संविदा पर नौकरी मिल गई.
पत्नी फिलहाल हंटरगंज प्रखंड के पीएससी डुमरिया में पदस्थापित हैं. नौकरी लगने के बाद पति-पत्नी में अनबन रहने लगी. 2018 में हंटरगंज थाने में समझौता हो गया था. 2019 में पत्नी हंटरगंज में ही मकान बनवाने लगी. इसके लिए उसने पति से पैसे की मांग की. जब उसने पैसे देने में असमर्थता जताई तो रेणु ने उससे बात करना बंद कर दिया. तीनों बेटियों से भी दूरी बना ली. अब उमेश ने सिविल सर्जन और हंटरगंज चिकित्सा पदाधिकारी से दोनों को मिलाने की मांग की है. साथ ही उसने अपनी पत्नी को हंटरगंज से हटाकर दूसरे प्रखंड में भेजने की मांग की है. अब देखना होगा कि इस कहानी में आगे क्या मोड लेती है.
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