पलामू(PALAMU): पलामू के सदर प्रखंड के दुबियाखाड़ में मंगलवार को दो दिवसीय राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेले का शुभारंभ हो गया है. इस मेले का उद्घाटन राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर व अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मंत्री चमरा लिंडा ने किया. वहीं, इस राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेले में विभिन्न विभागों के स्टॉल के माध्यम से परिसंपत्तियों का वितरण किया गया. इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि समाज का हर वर्ग आगे बढ़े. आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी, अल्पसंख्यक समाज का भी उत्थान हो. इसके लिए सरकार कार्य कर रही है.

एकजुट रहेंगे, तो आगे बढ़ेंगे: राधा कृष्ण किशोर 

उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासी समाज की साक्षरता दर 52% है, जो राष्ट्रीय औसत से नीचे है. ऐसे में शिक्षा सभी के लिए आवश्यक है. शिक्षित होने से आदिवासियों के बच्चे विधानसभा व लोकसभा के सदस्य बनेंगे. इससे गर्व की अनुभूति होगी. उन्होंने हर वर्ग-समुदाय के शिक्षा पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि एकजुट रहेंगे, तो आगे बढ़ेंगे. अगले वर्ष से यह मेला पलामू प्रमंडल स्तर का होगा. इसमें तीनों जिले पलामू, लातेहार व गढ़वा जिले के आदिवासी समाज भाग लेंगे. इसके लिए सरकार के स्तर पर तैयारी की जा रही है.  

उन्होंने कहा कि आदिवासियों की अपनी संस्कृति है. इसे बचाकर रखने की आवश्यकता है. आदिवासियों की आत्मा नदियों के किनारे बसती है, मांदर की थाप पर बसती है, प्रकृति में बसती है. आदिवासी समाज प्रकृति के धरोहर हैं.  यह समाज आगे बढे़गा तो पूरा समाज समृद्धशाली बन सकेगा. आदिवासी समाज प्रकृति/वशुंधरा का खजाना है.  आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति भी आदिवासी संस्कृति, रहन-सहन से जुड़ रहे हैं. महानगरों में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य प्रतिकूल हो रहा है और हमलोग आज भी बहुत सुरक्षित वातावरण में रहते हैं. ऐसे में पुरानी परंपरा, जंगलों में रहने की प्रवृत्ति को छोड़ने की आवश्यकता नहीं है.

इसके अलावा वित्त मंत्री ने मंईया सम्मान योजना के लाभ से लोगों को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि सम्मान राशि से महिलाएं अपनी जरूरतों को पूरा कर रहीं हैं. साथ-ही-साथ बच्चों को पढाई में खर्च कर उन्हें आगे बढ़ा रहीं हैं. राजा मेदिनीराय का पलामू किला पूरे पलामू प्रमंडल व राज्य के लोगों के लिए धरोहर है. इसका संपूर्ण विकास होगा. इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है. वहीं, केचकी रिट्रीट, मलय डैम,  आदिवासियों के क्षेत्र में पर्यटक स्टे होम के निर्माण कार्य की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिया है. इससे आदिवासी क्षेत्रों का विकास होगा. साथ ही रोजगार के अवसर सृजित होंगे. आदिवासी गांव में शिक्षा के स्तर, पशुपालन, पेयजल की दशा का आकलन किया जा रहा है. आदिवासी गांव में बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराये जाने की भी समीक्षा होगी.

शिक्षा से समाज में आती है जागरूकता

अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि समाज की बेहतरी व उत्थान के लिए शिक्षा आवश्यक है. विकास के लिए समाज को एकजुट रहना भी महत्वपूर्ण है. शिक्षा से समाज में जागरूकता आती है और विकसित समाज का सपना साकार होता है. सरकार आदिवासियों सहित समाज के हर वर्ग के उत्थान की दिशा में कार्य कर रही है.

उन्होंने कह कि राजा मेदिनीराय ने विकसित समाज निर्माण का कार्य किया. एकजुटता पर बल दिया. आदिवासी समाज भी एकजुटता में कमी नहीं आने दें. एकता व दृढ़ता के साथ रहने से अधिकार खुद मिल जायेगा. समाज को आगे बढ़ाने की सोच रखनी होगी. कलचर आदिवासियों की पहचान है, उन्हें यह विरासत में मिली है, इसे और आगे बढ़ाएं.

इस दौरान उन्होंने मेदिनीराय की यादें और उनकी संस्कृति को वापस लाने की दिशा में कार्य करने की बातें कही. उन्होंने सरकार की मंईयां सम्मान योजना के बारे में कहा कि इस योजना की राशि से महिलाओं को अपने बच्चों को शिक्षित करने में मदद मिल रही है. सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना निरंतर जारी रहेगी. उन्होंने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर आगे बढ़ाने हेतु प्रेरित किया.  

मेला को भव्यता प्रदान करें : रामचंद्र सिंह

वहीं, मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने मेले को और भव्यता प्रदान करने की बातें कही. उन्होंने कहा कि मेला राज्य स्तर पर हो और इसके माध्यम से और अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाए. 

चेरो राजवंश को याद दिलाता है मेला

पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि दो दशकों से लगातार मेला का आयोजन होता आ रहा है, जो चेरो राजवंश की याद दिलाता है. राजा मेदिनीराय की याद में आयोजित इस मेले में सरकार के विभागों के स्टॉल लगाये जाते हैं.  योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया जाता है. मेला के माध्यम से योजना के बारे में जानकारी मिलती है. यहां मंईयां सम्मान योजना संचालित है, जिसे दूसरे राज्य भी अपना रहे हैं. उन्होंने जल संग्रहण की दिशा में ध्यान आकृष्ट कराया. कहा कि पानी जो बहकर दूसरे राज्यों में चला जाता है, उसे संग्रहण करने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है.  

मेला आयोजन के लिए सजगता से कार्य करती है सरकार

जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ने कहा कि प्रतिवर्ष आयोजित इस मेले के लिए सरकार सजगता से कार्य करते आ रही है. पलामू जिला प्रशासन सक्रियता से इस मेले को सफल बनाने में जी-जान से मेहनत करते हैं. आयोजन समिति भी अपनी मेला के सफल संचालन में पूरे उत्साह के साथ कार्य करती है.

जिला प्रशासन व आयोजन समिति के समन्वय से लगता है मेला

इसके पूर्व मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आदिवासी विकास मेला का शुभारंभ 1990 में हुआ है. यह मेला राजा मेदिनीराय की याद में लगता है. यह मेला जिला प्रशासन और आयोजन समिति के समन्वय से लगते रहा है. उन्होंने राजा मेदिनीराय की यादों को ताजा करते हुए कहा कि मेला के माध्यम से प्रशासन व आमजनों का मिलना-जुलना होता है और योजनाओं से उन्हें लाभान्वित किया जाता है. इस दौरान उन्होंने कुछ मांगों को भी रखा.  

पारंपरिक वेश में नृत्य ने मोहा मन

वहीं, इस मेले में सरना समाज पलामू की ओर से पारंपरिक वेष में स्वागत गान प्रस्तुत किया गया. इसके साथ ही पारंपरिक परिधान में पुरूष व महिलाओं ने गीत-संगीत प्रस्तुत किया. सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने लोगों का मन मोह लिया.

कार्यक्रम में नगर आयुक्त जावेद हुसैन, वन प्रमंडल पदाधिकारी सत्यम कुमार, उप विकास आयुक्त शब्बीर अहमद, सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुलोचना मीना आदि उपस्थित थे. मेला को सफल बनाने में जिला कल्याण-सह-जिला खेल पदाधिकारी सेवा राम साहु, नजारत उप समाहर्ता विक्रम आनंद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान सहित जिले के अन्य वरीय पदाधिकारी व राजकीय आदिवासी विकास महाकुंभ मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह, हृदयानंद सिंह, उमेश सिंह, भर्दुल कुमार सिंह, अवधेश सिंह चेरो, रविन्द्र सिंह चेरो, हरेराम सिंह आदि सदस्य लगे हुए हैं.