टीएनपी डेस्क (TNP DESK): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अलीनगर सीट से सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली उम्मीदवार मैथिली ठाकुर न सिर्फ एक लोकप्रिय गायिका हैं, बल्कि अब राजनीति में भी मजबूत पहचान बना रही हैं. शुरुआती रुझानों में वह बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि आरजेडी के उम्मीदवार बिनोद मिश्रा पीछे चल रहे हैं. उनके आगे रहने से यह साफ है कि जनता ने उनके नाम, काम और छवि पर भरोसा जताया है. लेकिन सवाल है, मैथिली ठाकुर कौन हैं, और कैसे संगीत की दुनिया से राजनीति तक वह सफर यहां तक पहुंचीं?
संगीत की दुनिया में उभरता सितारा
मैथिली ठाकुर का जन्म बिहार के मधुबनी जिले में हुआ. बचपन से ही उनका झुकाव संगीत की ओर था. उनके पिता रमेश ठाकुर एक संगीत शिक्षक हैं, जिन्होंने बचपन से ही मैथिली को राग, ताल और सुर की दुनिया से परिचित कराया. परिवार में तीन भाई-बहन, मैथिली, ऋषभ और अयाची तीनों हार्मोनियम, तबला, और गायन में निपुण हैं. डिजिटल प्लेटफॉर्म पर परिवार की यह तिकड़ी ‘ठाकुर बंधु’ के रूप में मशहूर हुई. वे लोकगीत, मैथिली गीत, भजन और शास्त्रीय संगीत के लिए जानी जाती हैं. सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता करोड़ों में है. यूट्यूब पर उनके गाने तेजी से वायरल होते हैं और उन्होंने बिहार की लोकसंस्कृति को राष्ट्रीय पहचान दिलाई है.
लोकप्रियता का राजनीतिक असर
मैथिली ठाकुर की साफ-सुथरी छवि, सरल जीवनशैली और बिहार की सांस्कृतिक पहचान से उनका रिश्ता जनता के बीच उन्हें बेहद लोकप्रिय बनाता है. यही कारण है कि जब उन्हें 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट मिला, तो यह स्पष्ट था कि वह मजबूत दावेदार बनेंगी. उनकी लोकप्रियता सिर्फ संगीत तक सीमित नहीं है, वे अक्सर सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखती रही हैं, और बिहार की मिट्टी से उनका जुड़ाव वोटरों को प्रभावित करता है.
चुनावी मैदान में एंट्री
2025 के चुनाव में मैथिली ठाकुर को एनडीए गठबंधन ने उम्मीदवार बनाया. अलीनगर सीट पहले से ही प्रतिस्पर्धी मानी जाती है, लेकिन जैसे ही मैथिली मैदान में आईं, यहां मुकाबले का समीकरण बदल गया. रुझानों में वे लगातार बढ़त बनाए हुए हैं, और यह बढ़त उनके फैन बेस के वोट में तब्दील होने का संकेत है. मैथिली ठाकुर का सफर संगीत से राजनीति तक का सिर्फ प्रोफेशनल बदलाव नहीं, बल्कि बिहार की नई राजनीतिक संस्कृति का संकेत है. उनकी छवि, लोकप्रियता और सांस्कृतिक जुड़ाव ने उन्हें चुनावी मैदान में मजबूत बना दिया है. अब रुझान बताने लगे हैं कि मैथिली ठाकुर सिर्फ गायकी की स्टार नहीं, बल्कि राजनीति की नई चमकती आवाज बनने की ओर बढ़ रही हैं.

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