टीएनपी डेस्क: आधार कार्ड से लेकर पैन कार्ड (PAN Card) और वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card) हर भारतीय नागरिक के लिए एक जरूरी दस्तावेज है. आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड भारतीयों के लिए एक पहचान पत्र की तरह है. वहीं, पैन कार्ड का इस्तेमाल इनकम टैक्स के लिए खासकर किया जाता है. ऐसे में सरकार की तरफ से एक पहल की गई है जिसमें आधार कार्ड से हर जरूरी डॉक्यूमेंट्स चाहे वह बैंक अकाउंट हो या फिर पैन कार्ड सभी को आधार से लिंक करवाया जा रहा है. किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए पैन कार्ड व बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करवाना जरूरी हो गया है. इसी बीच चुनाव आयोग ने भी वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने की पहल कर दी है. मतदाता सूची में गड़बड़ी, डुप्लिकेट आईडी और निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने यह पहल की है.
आधार से वोटर कार्ड को लिंक करने के मामले को लेकर चुनाव आयोग द्वारा बैठक भी की जाएगी. इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू, केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय, यूआईडीएआई और ईएसआई के साथ वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के लिए बैठक करेंगे. इस बैठक में अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
आधार से वोटर कार्ड क्यों करवाया जा रहा है लिंक
बता दें कि, वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के पीछे का उद्देश्य फर्जी और डुप्लिकेट फर्जी नामों को वोटर लिस्ट से हटाना है. दरअसल, लोकसभा में विपक्ष दलों ने फर्जी मतदाता लिस्ट को लेकर हंगामा किया था. चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाए गए थे. ऐसे में अब चुनाव आयोग ने फर्जीवाड़े को रोकने और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए यह पहल की है.
वहीं, दिसंबर 2021 में पारित चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक के अनुसार आधार से वोटर कार्ड को लिंक करने की अनुमति स्वैच्छिक रूप से दी गई थी. जिसमें वोटर कार्ड होल्डर अपनी इच्छा अनुसार वोटर कार्ड को आधार से लिंक करवा सकते हैं. लेकिन जिस मतदाता ने अपने वोटर कार्ड को आधार से लिंक नहीं करवाया है उसका नाम मतदाता सूची से हटाया भी नहीं जाएगा. जिसके बाद चुनाव आयोग ने स्वैच्छिक आधार पर वोटर्स से आधार नंबर मांगना भी शुरू कर दिया था और 64 करोड़ मतदाताओं के आधार नंबर को वोटर कार्ड से जोड़ा भी गया था. लेकिन अब तक कुल 97 करोड़ मतदाता ऐसे हैं जिनका वोटर कार्ड आधार से लिंक नहीं है. ऐसे में अगर आधार को वोटर कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया जाता है तो देश में फर्जी वोटिंग के मामलों में रोक लगेगी.

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