टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : बहुत ही तेज तर्रार प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले अमित खरे को नई जिम्मेवारी मिली है. 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अमित खरे प्रधानमंत्री के शिक्षा सलाहकार भी रह चुके हैं. शिक्षा मंत्रालय में सचिव के पद पर भी उन्होंने काम किया है. नई शिक्षा नीति 2020 के प्रारूप बनाने में भी उनका बड़ा योगदान रहा है. अमित खरे बिहार- झारखंड कैडर के अच्छे अधिकारी में शुमार होते रहे हैं.
लालू यादव के चारा घोटाले को पकड़ा था
1985 बैच के आईएएस अधिकारी अमित खरे को नई जिम्मेवारी मिली है. अमित खरे पहले प्रधानमंत्री के सलाहकार रह चुके है. नये उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के वे सचिव नियुक्त किए गए है. मालूम हो कि सीपी राधाकृष्णन झारखंड में लगभग डेढ़ साल तक राज्यपाल के पद पर रह चुके हैं. रघुवर सरकार में अमित खरे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से झारखंड लौटे थे।उन्हें वित्त विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दी गई थी. लेकिन बाद में कुछ कारणों से अमित खरे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वापस चले गए. उनकी धर्मपत्नी निधि खरे भी इस अधिकारी हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाला की जांच इन्हीं के उपायुक्त काल में हुई थी. उस समय अमित खरे चाईबासा के उपायुक्त थे. यही चारा घोटाला लालू प्रसाद यादव की राजनीति पर ग्रहण लग गया।उन्हें सजा भी हुई. इसका दर्द आज भी वे झेल रहे हैं.
जन्मदिन के मौके पर मिली नई जिम्मेवारी
यह सुखद सहयोग है कि अमित खरे को नई जिम्मेवारी उनके जन्मदिन पर मिली है. आज यानी 14 सितंबर को उनका जन्मदिन है 1961 में उनका जन्म हुआ था 24 साल की उम्र में हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा में आ गए थे. उन्होंने सेंट स्टीफन्स से स्नातक किया है.
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