TNP DESK- बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारों के लेकर घमासान मचा हुआ है.  महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग का फार्मूला अभी तय नहीं हुआ है.  लेकिन घटक दल अब बेचैन और परेशान हो गए है.  सीट शेयरिंग के फार्मूले को लेकर कांग्रेस में ज्यादा बेचैनी है.  वह  अब  बहुत इंतजार करने के मूड में नहीं दिख रही है.  सूत्रों के अनुसार सीट बंटवारे का मामला और अधिक दिनों तक लटका, तो कांग्रेस 30  सीटों पर अपने उम्मीदवारों को प्रचार को  हरी झंडी दे देगी.  इन 30 सीटों में 17 सीट  तो मौजूदा विधायकों की है, जबकि 13 सेट  वैसी है, जिन पर कांग्रेस उम्मीदवार कम अंतर से 2020 में चुनाव हारे थे.  

शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में तय हुई रूप -रेखा 

शुक्रवार को नई दिल्ली में देर रात तक चली पार्टी स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में संभावित सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की गई.  बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी मौजूदा विधायकों को टिकट देने का फैसला ले लिया है.  साथ ही  2020 चुनाव में कब अंतर  से हारने वाली 13 सीटों पर मजबूती से दावा करने का निर्णय लिया है.  इन सीटों पर भी उम्मीदवारों के नाम पर विचार हो गया है.  सूत्र बताते हैं कि  स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में बिहार की कमजोर सीटों पर भी चर्चा की गई.  

कमजोर सीटों पर हो सकता है अदला -बदली 

कमजोर सीटों का मतलब हुआ कि पिछले कई चुनाव से जहां कांग्रेस हार रही है.  इन सीटों में से कुछ में सहयोगी दलों के साथ अदला-बदली पर भी विचार किया गया. स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन की अध्यक्षता में यह  बैठक हुई. वैसे  सीटों  को लेकर कांग्रेस सहयोगी दलों के निशाने पर है.  पिछले चुनाव में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट कम था.  अब यह बात उठने लगी है कि कांग्रेस अपने स्ट्राइक रेट के हिसाब से ही सीट ले.  माले  महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कांग्रेस को नसीहत दी है कि वह औकात से अधिक सीट ना मांगे.  कांग्रेस को यह चिंता करनी चाहिए कि कम सीट  पर लड़कर  भी ज्यादा से ज्यादा सीट लाया जाए. पिछली बार कांग्रेस 70 सीटों पर लड़कर  19 सीट ही जीत पाई थी. 
 
2015 में कांग्रेस 40 सीट लड़कर 27 पर विजय पताका फहराया था 

 2015 में कांग्रेस 40 सीट पर लड़ी थी और 27 सीट जीती थी.  2015 में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट अच्छा था. लेकिन 2020  आते-आते वह खराब हो गया.2020 में   70 सीट पर लड़कर  कांग्रेस 19 पर जीती.  वही माले  मात्र 19 सीट  लड़ी और 12 जीत गई.  राजद 144 पर लड़कर  75 सीट पर जीत दर्ज किया था .  बिहार में कांग्रेस के अभी 17 विधायक है.  2025 के चुनाव में उन्हें टिकट देना तय हो गया है. यह बैठक स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन की अध्यक्षता में हुई.  इसमें बिहार कांग्रेस के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता, विधान परिषद में दल  के नेता समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे.  इससे पहले गुरुवार को पटना में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हुई थी.  इस बैठक में प्रदेश चुनाव समिति ने कांग्रेस आलाकमान को उम्मीदवार तय करने के लिए अधिकृत किया था.  इसके बाद टिकट के बंटवारा का मामला दिल्ली शिफ्ट कर गया था.  दिल्ली में शुक्रवार को हुई है स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में कई सीटों पर संभावित प्रत्याशियों पर भी चर्चा की गई है.

2020 में कांग्रेस 19 सीटों पर जीत पाई थी.  बाद में कांग्रेस के दो विधायक एनडीए में चले गए

 बता दे कि 2020 में कांग्रेस 19 सीटों पर जीत पाई थी.  बाद में कांग्रेस के दो विधायक एनडीए में चले गए थे. इनमें विक्रम से सिद्धार्थ सौरव और चेनारी से मुरारी प्रसाद गौतम के नाम शामिल है.  फिलहाल कांग्रेस के 17 विधायक ही है.  कांग्रेस के 17 सिटिंग विधायकों के नाम  इस प्रकार हैं----अररिया - अविदुर रहमान,किशनगंज- इजाहरुल हुसैन,कसबा- मोहम्मद आफाक आलम,कदवा- शकील अहमद खान,मनिहारी- मनोहर प्रसाद सिंह,मुजफ्फरपुर- बिजेंद्र चौधरी,महाराजगंज - विजय शंकर दुबे,राजापाकर- प्रतिमा दास,खगड़िया- छत्रपति यादव,भागलपुर- अजीत शर्मा,जमालपुर- अजय कुमार सिंह,बक्सर- संजय कुमार तिवारी,राजपुर- विश्वनाथ राम,करगहर- संतोष मिश्रा,कुटुंबा- राजेश राम,औरंगाबाद- आनंद शंकर सिंह,हिसुआ- नीतू कुमारी.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो