टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड में खून की भारी कमी से हालात गंभीर हो गए हैं. जामताड़ा जिला अस्पताल के ब्लड बैंक का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो चुका है, जबकि धनबाद, दुमका, गिरिडीह और देवघर सहित कई जिलों में भी रक्त भंडार तेजी से घट रहे हैं. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, जामताड़ा में पिछले एक हफ्ते से मरीजों को खून न मिलने की समस्या बढ़ गई है. थैलेसीमिया, डेंगू और डिलीवरी केस जैसे गंभीर मरीजों को खून के अभाव में इलाज में दिक्कत हो रही है.
ब्लड रिप्लेसमेंट पर प्रतिबंध के बाद रक्त संग्रह बंद हो गया है. स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि रक्त के बदले रक्त नहीं लिया जाएगा. खून केवल स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों के माध्यम से ही एकत्र किया जाएगा. वर्तमान में, राज्य के 16 जिलों में कुल 3,619 यूनिट रक्त स्टॉक में है, जबकि औसत दैनिक खपत 864 यूनिट है. नतीजतन, यदि रक्तदान शिविरों के माध्यम से रक्त एकत्र नहीं किया जाता है, तो स्टॉक चार दिनों के भीतर समाप्त हो जाएगा. जामताड़ा की स्थिति सबसे खराब है. शनिवार को वहाँ एक भी यूनिट रक्त नहीं बचा था. वर्तमान में, रक्तदान शिविरों से केवल लगभग 40% रक्त ही प्राप्त होता है, और शेष व्यवस्था प्रतिस्थापन पर निर्भर है.
इस स्थिति के बाद, पूरा राज्य तीन प्रमुख शहरों: रांची, जमशेदपुर और धनबाद पर निर्भर हो गया है, क्योंकि ये सबसे अधिक रक्त संपन्न शहर हैं. शनिवार को जमशेदपुर में 1,290 यूनिट, रांची में 839 यूनिट और धनबाद में 352 यूनिट रक्त स्टॉक में थे. इसका मतलब है कि इन तीन जिलों में अकेले उपलब्ध रक्त का 67% हिस्सा है. खूंटी, चाईबासा और चतरा जैसे ज़िलों के ब्लड बैंक लगभग खाली हो चुके हैं. चाईबासा में शनिवार को सिर्फ़ सात यूनिट रक्त बचा था, जबकि रोज़ाना औसतन 25 यूनिट रक्त की ज़रूरत होती है. ब्लड बैंक अधिकारियों का कहना है कि त्योहारों और ठंड के मौसम में रक्तदान अभियान ठप पड़ने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है. वहीं, कई रक्तदाताओं के नियमित डोनेशन बंद करने से भी संकट और गहराया है.
स्वास्थ्य विभाग ने दी सफाई
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकार किया है कि ब्लड बैंकों में स्टॉक तेजी से घटा है. विभाग ने सभी जिलों को तत्काल रक्तदान शिविर आयोजित करने और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं.
स्वैच्छिक रक्तदान ही बचा सकती है दूसरों की जिंदगी
झारखंड में खून की भारी कमी शुरू हो गई है. स्थिति गंभीर होती जा रही है. राज्य के ब्लड बैंकों में केवल चार दिनों का ही रक्त बचा है. अब रक्तदान शिविरों के माध्यम से रक्त एकत्रित करना होगा. इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है. इसलिए, रक्तदान के लिए आगे आएँ. आपका एक यूनिट रक्त किसी ज़रूरतमंद की जान बचा सकता है.
कई ज़िलों में ब्लड बैंकों में 24 घंटे के भीतर खत्म हो सकता है ब्लड का स्टॉक
विशेषज्ञों के अनुसार, जहां रक्त का भंडार दो दिनों से कम है, वहां आपातकालीन ऑपरेशन और प्रसव प्रभावित हो सकते हैं. अगर जल्द ही रक्तदान शिविर आयोजित नहीं किए गए, तो जामताड़ा, चाईबासा, रामगढ़ और गिरिडीह जैसे ज़िलों के ब्लड बैंकों में अगले 24 घंटों के भीतर रक्त का स्टॉक खत्म हो सकता है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.

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